सीता राम चरित अति पावन चौपाई अर्थ सहित|Sita Ram Charit Ati Pavan
सीता राम चरित अति पावन,
मधुर सरस अरु अति मनभावन,
Sita Ram Charan Charit Ati Pavan
Madhur Saras Aru Ati Manbhavan,
पुनि-पुनि कितनेहु सुने सुनाये,
हिय की प्यास बुझत ना बुझाये,
Puni-Puni Kitanehu Sune Sunaaye,
Hiy Ki Pyas Bujhat Na Bujhaye,
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कठिन शब्दार्थ- Meaning of Difficult words
- चरित- चरित्र / कथा (Charit- Story)
- पावन – पवित्र (Pavan-Pious/Holy)
- मधुर – मीठा (Madhur-Sweet)
- सरस – रस भरा / आनंद पूर्ण (Saras – Full of Bliss)
- अरु – और (Aru- And)
- मनभावन – मन को भाने वाला / अच्छा लगने वाला (Manbhavan- Pleasing)
- पुनि-पुनि – बार बार (Puni-Puni- Repeatedly)
- कितनेहु – कितना ही (Kitenehu- No Matter How much)
- हिय- हृदय (Hiy- Heart)
सीता राम चरित अति पावन का अर्थ|Sita Ram Charit Ati Pavan Meaning
सीता राम चरित अति पावन,
मधुर सरस अरु अति मनभावन।
अर्थ: श्री सीता राम जी का चरित्र अर्थात उनकी कथा बहुत पवित्र है। यह सुन्दर, अच्छी और मन को बहुत आनंद देने वाली है।
Meaning: Ramayan, the tale of Shri Ram & Sita is very sacred. It is lovely, admirable, and intellectually stimulating.
पुनि-पुनि कितनेहु सुने सुनाये,
हिय की प्यास बुझत ना बुझाये।
अर्थ: इस पवित्र कथा को बार बार कितनी ही बार सुनिए या औरों को सुनाइए , परन्तु हृदय की प्यास नहीं बुझती अर्थात मन नहीं भरता।
Meaning: No matter how many times you hear or tell this sacred story, the thirst of the heart, that is, the mind, is not satiated.
सीता राम चरित अति पावन गीत का सन्दर्भ – Context of Sita Ram Charit ati pavan
प्रस्तुत पंक्तियाँ सं 80 के दशक में श्री रामानंद सागर द्वारा निर्मित प्रसिद्द टीवी सीरियल रामायण के आरम्भ का गीत है। उस समय जब यह धारावाहिक टीवी पर प्रसारित होता था तो गलियां और सड़के सूनी हो जाती थीं। लोग झुण्ड बनाकर जिसके भो घर टीवी होता था उसके यहाँ बैठ जाते थे। घर यदि कोई काम भी हो तो लोग इन पंक्तियों ‘सीता राम चरित अति पावन‘ (Sita Ram Charit ati pavan) को सुनते ही सब छोड़ कर भागे चले आते थे। जो उस समय के साक्षी हैं उन्हें पता है इस मधुर गीत का हमारे लिए क्या महत्त्व था।