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धोबी का कुत्ता न घर का न घाट का अर्थ|Dhobi Ka Kutta

धोबी का कुत्ता न घर का घाट का अर्थ : इसका सीधा सा अर्थ है कि ‘कहीं का न रहना’ ,कोई ठिकाना न होना। हर तरफ से दुत्कारा जाना। विवेचन : धोबी कपडे धोने के लिए …

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कोस-कोस पे बदले पानी, चार कोस पे बानी

यह कहावत सबसे पहले मैंने मेरे दादाजी से सुना था । बाद में गाँव की बारातों में कई अलग अलग गांवों में जाना हुआ। प्रायः ये सारी बारातें तहसील और जिले के अंदर ही होती थीं। …

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ना चिन्ह त नया कीन मुहावरा|Na Chinh Ta Naya Kin

पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में ये बड़ी पुरानी कहावत है। और ध्यान देने वाली बात ये है की ये आज भी बड़ी सटीक बैठती है। ना चिन्ह त नया कीन का अर्थ – Na Chinh …

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पूरी के पेट सोहारी से नाहीं भरी |Puri Ka Pet Sohari Se na Bhari

यह मुहावरा ‘पूरी के पेट सोहारी से नाहीं भरी (Puri Ka Pet Sohari Se na Bhari)‘ उन लोगों को तुरंत समझ में आएगा जिन्होंने गाँव देहात की शादी व्याह के निमंत्रणों का आनंद लिया है। पहले …

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चलबा न करे मेड़ा ओदार दे-भोजपुरी मुहावरा

‘चलबा न करे मेड़ा ओदार दे’ ये मुहावरा तब प्रयुक्त होता है जब कोई व्यक्ति किसी वस्तु या सुविधा का प्रयोग इतनी बुरी तरह से करे की उसे क्षतिग्रस्त हो कर दे। सुविधाओं का इस तरह …

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धर्मो रक्षति रक्षितः