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धोबी का कुत्ता न घर का न घाट का अर्थ|Dhobi Ka Kutta

धोबी का कुत्ता न घर का घाट का अर्थ : इसका सीधा सा अर्थ है कि ‘कहीं का न रहना’ ,कोई ठिकाना न होना। हर तरफ से दुत्कारा जाना। विवेचन : धोबी कपडे धोने के लिए …

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दूर के ढोल सुहावने मुहावरे का अर्थ व वाक्य प्रयोग | Dur ke Dhol Suhane

दूर के ढोल सुहावने मुहावरे का अर्थ है : किसी वस्तु का दूर से अच्छा लगना पर पास जाने पर वही ख़राब प्रतीत होना अर्थात उसकी असलियत का पता लग जाना।” कभी किसी के शादी व्याह …

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आगे नाथ न पीछे पगहा : Aage Nath Na Piche Pagha Ka Arth

उत्तर प्रदेश और बिहार में यह कहावत ‘आगे नाथ न पीछे पगहा‘ (Aage Nath Na Piche Pagha) अभी भी गावों में प्रयोग की जाती है। खासकर उन नौजवान बेफिक्रे युवाओं के लिए जो बिल्कुल स्वच्छंद हैं …

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चार मिले चौंसठ खिले- कहावत का अर्थ|Char Mile Chausath Khile

ऐसा चमत्कार हिंदी में ही हो सकता है … चार मिले चौंसठ खिले,बीस रहे कर जोड़!प्रेमी सज्जन दो मिले,खिल गए सात करोड़!! मुझसे एक बुजुर्गवार ने इस कहावत का अर्थ पूछा। काफी सोच-विचार के बाद भी …

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Rag Rasoi Pagadi Kabhi kabhi ban jay

राग रसोई पगड़ी कभी-कभी बन जाय-हिंदी कहावत/मुहावरा

राग रसोई पगड़ी कभी-कभी बन जाय-हिंदी कहावत होली के अवसर पर मेरे नानाजी ने घरवालों की फोटो भेजने को कहा। मैंने अपनी सपत्नीक बच्चों सहित सपरिवार होली खेलते हुए तस्वीर भेजी। बच्चे खूब ज्यादा ही उत्साह …

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धर्मो रक्षति रक्षितः