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मोरि सुधारिहि सो सब भाँती का अर्थ |Mori Sudhari So Sab Bhanti Meaning

मोरि सुधारिहि सो सब भाँती का अर्थ -Mori Sudhari So Sab Bhanti Meaning मोरि सुधारिहि सो सब भाँती। जासु कृपा नहिं कृपाँ अघाती॥राम सुस्वामि कुसेवकु मोसो। निज दिसि देखि दयानिधि पोसो॥ Mori sudhaarihi so sab bhaantee, …

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हिंदी दिवस कविता संग्रह|Hindi Diwas par Kavita

हिंदी दिवस की कवितायेँ-Hindi Diwas par Kavita Sangrah हिंदी दिवस की आप सभी मित्रों को और पूरे देश को बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं। इस शुभ अवसर पर कविताओं का संकलन संग्रह आपके लिए प्रस्तुत कर …

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यक्ष कहाँ निर्वासित जीवन जी रहा था ?

मेघदूतम काव्य के ऊपर लिखे कुटज निबंध में Q. यक्ष कहाँ निर्वासित जीवन जी रहा था ? a. रामगिरि पर b. धौलागिरी पर c. नीलगिरि पर d. पम्पासर पर Ans: a. रामगिरि पर #Kutaj Nibandh Question …

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विश्वनाथ मम नाथ पुरारी त्रिभुवन महिमा विदित तुम्हारी अर्थ

चौपाईबिस्वनाथ मम नाथ पुरारी। त्रिभुवन महिमा बिदित तुम्हारी॥चर अरु अचर नाग नर देवा। सकल करहिं पद पंकज सेवा॥ अर्थ: (देवी पार्वती ने शिवजी से कहा-) हे विश्व के स्वामी! हे मेरे नाथ! हे पुर असुर के …

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राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे का अर्थ|Ram Rameti Rameti

राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे का अर्थ लोग इस श्लोक को इस प्रकार ‘राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे‘ ढूंढते हैं जबकि वास्तविकता में पूरा सही श्लोक नीचे दिया गया है। श्री राम राम रामेति, …

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धर्मो रक्षति रक्षितः