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मोरि सुधारिहि सो सब भाँती का अर्थ |Mori Sudhari So Sab Bhanti Meaning

मोरि सुधारिहि सो सब भाँती का अर्थ -Mori Sudhari So Sab Bhanti Meaning मोरि सुधारिहि सो सब भाँती। जासु कृपा नहिं कृपाँ अघाती॥राम सुस्वामि कुसेवकु मोसो। निज दिसि देखि दयानिधि पोसो॥ Mori sudhaarihi so sab bhaantee, …

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विश्वनाथ मम नाथ पुरारी त्रिभुवन महिमा विदित तुम्हारी अर्थ

चौपाईबिस्वनाथ मम नाथ पुरारी। त्रिभुवन महिमा बिदित तुम्हारी॥चर अरु अचर नाग नर देवा। सकल करहिं पद पंकज सेवा॥ अर्थ: (देवी पार्वती ने शिवजी से कहा-) हे विश्व के स्वामी! हे मेरे नाथ! हे पुर असुर के …

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राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे का अर्थ|Ram Rameti Rameti

राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे का अर्थ लोग इस श्लोक को इस प्रकार ‘राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे‘ ढूंढते हैं जबकि वास्तविकता में पूरा सही श्लोक नीचे दिया गया है। श्री राम राम रामेति, …

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धीरज धर्म मित्र अरु नारी चौपाई का अर्थ|Dheeraj Dharam Mitra Aru Nari

धीरज धर्म मित्र अरु नारी चौपाई का सन्दर्भ प्रस्तुत चौपाइयाँ तब की हैं जब प्रभु श्री राम चित्रकूट से आगे बढ़कर दण्डकारण्य में अत्रि मुनि के आश्रम में पहुंचते हैं। अत्रि मुनि के धर्मपत्नी माता अनुसूया …

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जेहि पर कृपा न करहिं पुरारी|Jehi Par Kripa Na Karahi Purari

जेहि पर कृपा न करहिं पुरारी। सो न पाव मुनि भगति हमारी॥अस उर धरि महि बिचरहु जाई। अब न तुम्हहि माया निअराई॥ अर्थ: भगवान विष्णु नारद जी से कहते हैं कि हे मुनि जिस पर पुरारी …

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धर्मो रक्षति रक्षितः