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सर्पदंश से बचाव एवं सम्बंधित प्राथमिक उपचार

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सांप के काटने के बाद विष के एन्जाइम के असर से नीम पत्ती मीठी लगती है। यानि पक्का हुआ , सांप जहरीला था। जब पक्का हो गया कि सर्प विष से आप ग्रस्त हो चुके हैं तो कुछ मुफ्त के मगर कारगर उपाय भी जान लें, औरों को भी बतायें।

सर्पदंश पर त्वरित डॉक्टरी सहायता लें। डॉक्टरी सहायता उपलब्ध होने तक यह कर सकते हैं। यह उपाय किसी भी प्रकार से मेडिकल डॉक्टरी उपचार का विकल्प नहीं है।

उपाय

जहां सांप ने काटा वहां के आगे-पीछे कसके रस्सी बांधना चाहिये। कृपया ध्यान रखें, बंधन बहुत टाईट न हो वरना वह अंग सदा के लिये खराब हो जायेगा। दंश के जगह पर नये ब्लेड से चीङा लगा कर विष मिश्रित रक्त बहाना चाहिये। काटे हुए स्थान को बलपूर्वक दुह कर निथारना चाहिए, अच्छी तरह गारकर निचोड़ें, जैसे गाय दुहते है। विष कितना उतरा यह जानने के लिए सूखी मिर्च का चूर्ण (पाउडर) उस जगह पर लगा दे। अगर सांप का जहर उतर गया तो पीड़ित व्यक्ति को जलन का अनुभव होगा। अगर उस जगह पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है या लहरता है तो पुनः काटे हुए स्थान पर फिर से अच्छी तरह से गारे, निचोड़ें। फिर मिर्च पाउडर लगाकर चेक कर लें। स्थिर व शिथिल होकर बैठना या लेटना चाहिये जिससे शरीर में रक्त संचार बढे नहीं। मरीज को सोने न दें। इस सारी प्रकिया करते हुए जल्दी से जल्दी डॉक्टरी सहायता लिए पहुंचें।

रीठा चूसना। वह भी मीठा लगेगा जबकि उसका स्वाद बहुत कसैले होता है। जब कसैला लगने लगे तो मुंह से निकाल कर फेक दें। जहर उतर चुका।


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गुम्मा पौधे को पूरा पीस कर पानी में मिला कर पीयें। यह पौधा जंगल-झाङ में अपने आप होता है। एक घर के बारी में या गमले में ही लगा लें।

खूब स्नान करना। घर में शावर है तो चला कर उसके नीचे बैठ जायें। अन्यथा और उपाय करें पर जाङे के मौसम में नहीं। शरीर के रोम छिद्रों से विष निकल कर पानी में घुलता हुआ बाहर हो जायेगा।

भारत में सबसे अधिक नुकसान पहुँचाने वाले सांप

 भारत में सांपों की लगभग 270 प्रजातियां पायी जाती हैं, जिनमें से लगभग 50 प्रजातियों में ही जहरीले सांप होते हैं। इनमें से भी लगभग 15 प्रजातियाँ ही ऐसी हैं, जो बहुत अधिक ज़हरीली हैं और इनके काटने पर मृत्यु भी हो सकती है। वैसे तो मुख्य चार प्रकार के सांप है,जो मनुष्य की मृत्यु के लिये उत्तरदाई हैं।

1.कोबरा 2.करैत 3.रसैलवाईपर. 4 पिट वाईहपर

ये सभी अत्यंत घातक और खतरनाक हैं मनुष्य के लिये ,इन्ही चार प्रकार के सांपो के काटने से ही सबसे ज्यादा मौतों के मामले आते है।

फिर भी कोबरा के काटने से सबसे ज्यादा मृत्यु होती है भारत मे।इसका कारण ये नहीं है कि ये बहुत जहरीला है,जबकि करैत और वाईहपर प्रजाती के सांप ज्यादा जहरीले हैैं।कोबरा के दंश से मृत्यु ज्यादा इसलिये होती हैं ,क्योंकि कोबरा ही सबसे ज्यादा इंसानी बस्तियों के नजदीक होते हैं ,और इसका कारण है चूहे,क्योंकि चूहे कोबरा का प्रिय भोजन है,और चूहों के पीछे ही कोबरा इंसानो के घर और बस्तियों तक पहुंच जाता है,और इंसान को हानि पहुंचा देता है।

करैत का धोखा करने वाला दंश

जैसा कि करैत के बारे मे प्राय: सभी जानते हैं कि ये एक बहुत ही जहरीला सांप है।इसकी प्रकृति एवं स्वभाव इसे खतरनाक भी बना देते हैं।सबसे पहली बात ते ये है,कि यह सांप रात मे शिकार के लिये निकलता है।दूसरा ये कि करैत को गर्माहट पसंद आती है,इसलिये ये सोते हुये मनुष्य से चिपकने की कोशिश करता है। करैत आसानी से खाट,पलंग आदि के ऊपर सोये हुये मनुष्य के पास भी चढ़ कर पहुच जाता है, और मनुष्य की गर्माहट पाकर आराम करता है।इस प्रकार ये सोते हुये मनुष्य के करवट लेने पर या हाथ – पैर पढ़ जाने पर काट लेता है।

इस बात मे खासियत क्या है ,कि जब ये सोते हुये आदमी को काट लेता है ,तब भी उस व्यक्ति को कोई एहसास नहीं होता।उसे मच्छर या चींटी काटने जैसा लगता है और वह थोड़ा बहुत खुजा कर फिर सो जाता है।

अब जानते हैं कि करैत के काटने पर पता क्यों नही पड़ता? इसका कारण ये है कि इसके जो दांत होते है जिनके सहारे ये विष को शरीर मे पहुंचाता है ,वे विषदन्त अत्यन्त ही नुकीले और छोटे होते हैं।इसलिये सोते इन्सान को पता भी नहीं पड़ पाता है कि विषदंश हो गया है।

इसके काटने के लगभग आधा घंटे बाद पेट मे मरोड़ और दर्द उत्पन्न होता है ,जिसे व्यक्ति साधारण पेट दर्द मान कर घरेलू दवा ले कर निश्चिंत हो जाते है।उसके बाद काफी देर हो चुकी होती है इलाज लेने मे क्येंकि जहर का प्रभाव सारे शरीर मे फैल जाता है। इन कारणों के चलते इस सांप को खतरनाक माना जाता है।

अन्य सावधानियाँ

  • अत: घर मे ऐसा कबाड़ इक्ट्ठा न करें जहां साप छुप सके।
  • मच्छरदानी लगा कर सोना सबसे सुरक्षित है।
  • घर मे चूहों आदि का प्रवेश न होने दें।
  • जब बंद दरवाजा हों तो कोई ऐसा स्थान सुराख आदि न हों जहां से कोई जहरीली चीज प्रवेश कर पाये ।
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