Join Adsterra Banner By Dibhu

रहिमन धागा प्रेम का मत तोड़ो चटकाय

5
(3)

भक्त रहीम जी का यह दोहा संबंधों के निर्वहन के लिए बहुत महत्वपूर्ण सीख है।पूरा दोहा इस प्रकार से है-

रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो चटकाय।
टूटे से फिर न जुरे, जुरे गाँठ परि जाय।।

Rahiman dhaga prem ka, Mat todo chatakay।
Tore se fir na jure, Jure gaanth pari jaay।।

रहिमन धागा प्रेम का मत तोड़ो चटकाय का अर्थ

अर्थ: रहीम जी कहते हैं कि प्रेम के धागे को कभी भी झटके से मत तोड़िये क्योंकि तोड़ने पर वो जुड़ेंगे नहीं और अगर जुड़ेंगे भी तो उन्हें जोड़ने के लिए गांठ लगनी पड़ेगी। इस प्रकार जुड़ने पर भी एक भद्दा निशान रह जायेगा।


banner

Meaning: According to Rahim ji, never break the thread of love with a jerk, since if severed, it would not join, and if you unite it through a knot, still an unsightly mark will remain.

रहिमन धागा प्रेम का सन्दर्भ एवं व्याख्या

धागा (Thread) टूटने वाली यह बात प्रेम संबंधों पर बहुत सटीक लागू होती है। प्रेम संबंध बहुत कोमल होते हैं थोड़ी सी बात भी कभी-कभी बहुत गहरे आघात करती है। जो बातें प्रेम सम्बन्ध स्थापित होने से पहले भले अधिक मायने न रखें पर वही बातें प्रेम सम्बन्ध हो जाने पर बहुत बड़े महत्त्व की हो जाती हैं। तिस पर यदि कोई बहुत ही अधिक कठोर बात सम्बन्ध तोड़ने के लिए घटित हो जाय तो फिर रिश्ते दुबारा नहीं जुड़ते।

कहने का अर्थ यह है की प्रेम सम्बन्ध बड़े सावधानी से निभाने चाहिए। बहुत प्रयास करने पर यदि पुनः सम्बन्ध अगर जुड़ भी जाएँ तो वह बात नहीं रह जाती जो पहले थी। ये बात केवल प्रेम सम्बन्ध ही नहीं बल्कि मित्रता, रिश्तेदारी,नातेदारी आदि में भी सी प्रकार लागू होती है। क्योंकि प्रेम का अंश हर रिश्ते में थोड़े बहुत मात्रा में होता ही है। अतः संबंधों को बहुत सहेज कर रखिये।इसलिए रहीम जी ने यह बात बिल्कुल सत्य कही है कि रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो चटकाय (Rahiman dhaga prem ka doha mat todo chatkay)।

रहिमन धागा प्रेम का वाक्य प्रयोग

रवि और रमेश में बहुत गहरी मित्रता थी। दोनों साथ में व्यापार भी करते थे। किसी दिन एक सौदे में रवि के धोखेबाजी को लेकर उनकी दोस्ती टूट गयी। उनके घरवालों ने प्रयास करके उन्हें फिर से मिलाया। वो फिर से साथ रहने लगे परन्तु अब पहले वाली बात नहीं रही। सच ही कहा है रहिमन धागा प्रेम का मत तोड़ो चटकाय (Rahiman dhaga prem ka doha mat todo chatkay)।

FAQ

Q. रहिमन धागा प्रेम का मत तोड़ो चटकाय टूटे से फिर ना जुड़े जुड़े गाँठ पड़ जाय दोहे में गाँठ पड़ना का क्या अर्थ है?

A. गाँठ =Knot , दो धागों (Threads) को जोड़ने के लिए उन्हें मोड़ कर एक दूसरे से इस प्रकार फंसाया जाता है की फिर वो अलग न हों। इस प्रक्रिया में धागों के बीच में गाँठ पड़ जाती है।जो अलग से ही भद्दी नजर आती है।

भक्त रहीम जी का यह दोहा संबंधों के निर्वहन के लिए बहुत महत्वपूर्ण सीख है।

Facebook Comments Box

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

We are sorry that this post was not useful for you!

Let us improve this post!

Tell us how we can improve this post?

Dibhu.com is committed for quality content on Hinduism and Divya Bhumi Bharat. If you like our efforts please continue visiting and supporting us more often.😀
Tip us if you find our content helpful,


Companies, individuals, and direct publishers can place their ads here at reasonable rates for months, quarters, or years.contact-bizpalventures@gmail.com


One Comment on “रहिमन धागा प्रेम का मत तोड़ो चटकाय”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

धर्मो रक्षति रक्षितः