तुलसीदास के दोहे-6: संगति का असर
संगति शब्द ही दो शब्दों से मिलकर बना है सम अर्थात बराबर , गति अर्थात परिणति या परिणाम। इसका सीधा...
संगति शब्द ही दो शब्दों से मिलकर बना है सम अर्थात बराबर , गति अर्थात परिणति या परिणाम। इसका सीधा...
बन बहु विशम मोह मद माना।नदी कुतर्क भयंकर नाना। मोह घमंड और प्रतिश्ठा बीहर जंगल और कुतर्क भयावह नदि हैं।...
बंदउ गुरू पद कंज कृपा सिंधु नर रूप हरिमहामोह तम पुंज जासु बचन रवि कर निकर ।गुरू कृपा के सागर...
मूक होई बाचाल पंगु चढई गिरिवर गहनजासु कृपा सो दयाल द्रवउ सकल कलि मल दहन ।ईश्वर कृपा से गूंगा अत्यधिक...
सेवक सुमिरत नामु सप्रीती।बिनु श्रम प्रवल मोह दलु जीती।फिरत सनेहॅ मगन सुख अपने।नाम प्रसाद सोच नहि सपने। भक्त प्रेमपूर्वक नाम...