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Chhathi Maiya-Shashthi Devi

षष्ठी देवी-छठी मैया स्तोत्र

माता श्री षष्ठी देवी(छठी मैया) स्तोत्र नमो देव्यै महादेव्यै सिद्ध्यै शान्त्यै नमो नम:।शुभायै देवसेनायै षष्ठी देव्यै नमो नम: ।। वरदायै पुत्रदायै धनदायै नमो नम:।सुखदायै मोक्षदायै षष्ठी देव्यै नमो नम:।। शक्ते: षष्ठांशरुपायै सिद्धायै च नमो नम:।मायायै सिद्धयोगिन्यै …

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Shri Hanuman ji and Shri Tulasidas ji

तुलसीदास के दोहे-10: विवेक

जनम मरन सब दुख सुख भोगा।हानि लाभ प्रिय मिलन वियोगा।काल करम बस होहिं गोसाईं।बरबस राति दिवस की नाईं। अर्थ: जन्म मृत्यु सभी दुख सुख के भेाग हानि लाभ प्रिय लोगों से मिलना याबिछुड़ना समय एवं कर्म …

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Shri Hanuman ji and Shri Tulasidas ji

तुलसीदास के दोहे-9: मित्रता

जे न मित्र दुख होहिं दुखारी।तिन्हहि विलोकत पातक भारी।निज दुख गिरि सम रज करि जाना।मित्रक दुख रज मेरू समाना। जो मित्र के दुख से दुखी नहीं होते उन्हें देखने से भी भारी पाप लगता है।अपने पहाड़ …

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Shri Hanuman ji and Shri Tulasidas ji

तुलसीदास के दोहे-8: कलियुग

सो कलिकाल कठिन उरगारी।पाप परायन सब नरनारी। कलियुग का समय बहुतकठिन है।इसमें सब स्त्री पुरूस पाप में लिप्त रहते हैं। कलिमल ग्रसे धर्म सब लुप्त भये सदग्रंथदंभिन्ह निज मति कल्पि करि प्रगट किए बहु पंथ। कलियुग …

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Shri Hanuman ji and Shri Tulasidas ji

तुलसीदास के दोहे-7: आत्म अनुभव

जद्यपि जग दारून दुख नाना।सब तें कठिन जाति अवमाना। इस संसार में अनेक भयानक दुख हैं किन्तु सब से कठिन दुख जाति अपमान है। रिपु तेजसी अकेल अपि लघु करि गनिअ न ताहुअजहुॅ देत दुख रवि …

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