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श्री राम जी के पूर्वजों की वंशावली | राम जी का वंशावली

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आपने बहुत इतिहास पढ़ा होगा , परन्तु बहुत कम लोग प्रभु श्री राम जी के पिता दशरथ जी या उनके पहले के पूर्वजों के नाम जानते होंगे। हम आज यही जानकारी लेकर आपके पास आये हैं। प्रभु श्री राम जी के पिता श्री दशरथ जी से लेकर उनके पूर्ववर्ती समस्त राजाओं सहित सृष्टि के रचयिता श्री ब्रह्मा जी तक की प्रामाणिक वंशावली। पाठकों की सुविधा के लिए हमनें इसका पीडीऍफ़ भी उपलब्ध कराया है। इसे डाउनलोड कर के सुरक्षित रख लीजिये। प्रस्तुत है प्रभु श्री राम जी के पूर्वजों की वंशावली:

प्रभु श्री राम जी के पूर्वजों की वंशावली
Ancestral lineage of Prabhu Shri Ram

1 – ब्रह्मा जी (brahmā)

2- मरीचि (marīci)

3 – कश्यप (kaśyapa)

4 – विवस्वान (vivasvāna)

5 – वैवस्वत मनु (vaivasvata manu)
(वैवस्वत मनु के समय जल प्रलय हुआ था)

6 – इक्ष्वाकु (ikṣvāku)
(वैवस्वत मनु के दस पुत्रों में से एक का नाम इक्ष्वाकु था, इक्ष्वाकु ने अयोध्या को अपनी राजधानी बनाया और इस प्रकार इक्ष्वाकु कुलकी स्थापना की)

7 – कुक्षि (kukṣi)
(इक्ष्वाकु के पुत्र )

8 – विकुक्षि (vikukṣi)

9 – बाण (bāṇa)

10 – अनरण्य (anaraṇya)

11- पृथु (pṛthu)

12- त्रिशंकु (triśaṃku)

13- धुंधुमार (dhuṃdhumāra)

14- युवनाश्व (yuvanāśva)

15- मान्धाता (māndhātā)

16- सुसन्धि (susandhi)
(सुसन्धि के दो पुत्र हुए- ध्रुवसन्धि एवं प्रसेनजित)

17- ध्रुवसन्धि (dhruvasandhi)

18- भरत (bharata)

19- असित (asita)

20- सगर (sagara)
(महाराज सगर के 60,000 पुत्रों को कपिल मुनि ने भस्म कर दिया था। इनके एक और पुत्र असमंज जो तपस्या करने गए थे वापस आये, उन्ही से महाराज सगर का वंश आगे चला)

21- असमंज (asamaṃja)

22- अंशुमान (aṃśumāna)

23- दिलीप (dilīpa)

24- भगीरथ (bhagīratha)
(भागीरथ ने ही गंगा को पृथ्वी पर उतारा था)

25- ककुत्स्थ (kakutstha)

26- रघु (raghu)
(रघु के अत्यंत तेजस्वी और पराक्रमी नरेश होने के कारण उनके बाद इस वंश का नाम रघुवंश हो गया, तब से श्री राम के कुल को रघु कुल भी कहा जाता है)

27- प्रवृद्ध (pravṛddha)

28- शंखण (śaṃkhaṇa)

29- सुदर्शन (sudarśana)

30- अग्निवर्ण (agnivarṇa)

31- शीघ्रग (śīghraga)

32- मरु (maru)

33- प्रशुश्रुक (praśuśruka)

34- अम्बरीष (ambarīṣa)
(इन्ही की रक्षा के लिए भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र महर्षि दुर्वासा के पीछे छोड़ा था)

35- नहुष (nahuṣa)

36- ययाति (yayāti)

37- नाभाग (nābhāga)

38- अज (aja)

39- दशरथ (daśaratha)

40- दशरथ के चार पुत्र राम(rāma), भरत(bharata), लक्ष्मण(lakṣmaṇa) तथा शत्रुघ्न(śatrughna) हुए।

इस प्रकार ब्रह्मा की चालीसवीं (40) पीढ़ी में श्रीराम का जन्म हुआ।

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Download Prabhu Shri Ram Ji Ki Vanshavali PDF
Ancestral Lineage of Prabhu Shri Ram PDF


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अब कोई यदि आपसे पूछे कि, “श्री राम के दादा परदादा का नाम क्या था?”
तब सोचने का काम नहीं है; बताइये श्री राम जी के दादा जी का नाम महाराज अज था, परदादा का नाम नाभाग, वृद्ध प्रपितामह का नाम ययाति , उनके पिता जी का नाम नहुष……..इस प्रकार अब आप को अनभिज्ञता की अवमानना नहीं झेलनी होगी।

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  1. Shodashopachar Pooja Procedure
  2. Shri Ram Chalisas by Sant Haridas & Sundardas
  3. Ramrakshastrot by Buhdkaushik Rishi
  4. Shri Ram Stuti done by Bhagwan Shiva
  5. Shri Ramchandra Kripalu Bhajman Aarti
  6. Also All Hymns: Only Transliteration & Hindi-Roman Text (For distraction-free recitation during Pooja)

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1 - ब्रह्मा जी
2 - ब्रह्मा जी से मरीचि हुए,
3 - मरीचि के पुत्र कश्यप हुए,
4 - कश्यप के पुत्र विवस्वान थे,
5 - विवस्वान के वैवस्वत मनु हुए. वैवस्वत मनु के समय जल प्रलय हुआ था,
6 - वैवस्वतमनु के दस पुत्रों में से एक का नाम इक्ष्वाकु था, इक्ष्वाकु ने अयोध्या को अपनी राजधानी बनाया और इस प्रकार इक्ष्वाकु कुलकी स्थापना की |
7 - इक्ष्वाकु के पुत्र कुक्षि हुए,
8 - कुक्षि के पुत्र का नाम विकुक्षि था,
9 - विकुक्षि के पुत्र बाण हुए,
10 - बाण के पुत्र अनरण्य हुए,
11- अनरण्य से पृथु हुए,
12- पृथु से त्रिशंकु का जन्म हुआ,
13- त्रिशंकु के पुत्र धुंधुमार हुए,
14- धुन्धुमार के पुत्र का नाम युवनाश्व था,
15- युवनाश्व के पुत्र मान्धाता हुए,
16- मान्धाता से सुसन्धि का जन्म हुआ,
17- सुसन्धि के दो पुत्र हुए- ध्रुवसन्धि एवं प्रसेनजित,
18- ध्रुवसन्धि के पुत्र भरत हुए,
19- भरत के पुत्र असित हुए,
20- असित के पुत्र सगर हुए,
21- सगर के पुत्र का नाम असमंज था,
22- असमंज के पुत्र अंशुमान हुए,
23- अंशुमान के पुत्र दिलीप हुए,
24- दिलीप के पुत्र भगीरथ हुए, भागीरथ ने ही गंगा को पृथ्वी पर उतारा था.
25- भागीरथ के पुत्र ककुत्स्थ थे 
26- ककुत्स्थ के पुत्र रघु हुए, रघु के अत्यंत तेजस्वी और पराक्रमी नरेश होने के कारण उनके बाद इस वंश का नाम रघुवंश हो गया, तब से श्री राम के कुल को रघु कुल भी कहा जाता है।
27- रघु के पुत्र प्रवृद्ध हुए,
28- प्रवृद्ध के पुत्र शंखण थे,
29- शंखण के पुत्र सुदर्शन हुए,
30- सुदर्शन के पुत्र का नाम अग्निवर्ण था,
31- अग्निवर्ण के पुत्र शीघ्रग हुए,
32- शीघ्रग के पुत्र मरु हुए,
33- मरु के पुत्र प्रशुश्रुक थे,
34- प्रशुश्रुक के पुत्र अम्बरीष हुए,
35- अम्बरीष के पुत्र का नाम नहुष था,
36- नहुष के पुत्र ययाति हुए,
37- ययाति के पुत्र नाभाग हुए,
38- नाभाग के पुत्र का नाम अज था,
39- अज के पुत्र दशरथ हुए,
40- दशरथ के चार पुत्र राम, भरत, लक्ष्मण तथा शत्रुघ्न हुए।
इस प्रकार ब्रह्मा की चालीसवीं (40)पीढ़ी में श्रीराम का जन्म हुआ।
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