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Shri Hanuman ji and Shri Tulasidas ji

तुलसीदास के दोहे-2: सुमिरन

सेवक सुमिरत नामु सप्रीती।बिनु श्रम प्रवल मोह दलु जीती।फिरत सनेहॅ मगन सुख अपने।नाम प्रसाद सोच नहि सपने। भक्त प्रेमपूर्वक नाम के सुमिरण से बिना परिश्रम मोह माया की प्रवल सेना को जीत लेता है और प्रभु …

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Shri Hanuman ji and Shri Tulasidas ji

तुलसीदास के दोहे-1: संतजन

साधु चरित सुभ चरित कपासू।निरस विशद गुनमय फल जासू।जो सहि दुख परछिद्र दुरावा।वंदनीय जेहि जग जस पावा। संत का चरित्र कपास की भांति उज्जवल है लेकिन उसका फल नीरस विस्तृत और गुणकारी होता है। संत स्वयं …

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Shri Lakshman ji- Mahan vratee

लक्ष्मण गीता प्रसंग

मित्रो अगरआप धार्मिक हैं, जिज्ञासु हैं, तो मेरा निवेदन है, इस प्रस्तुति को अवश्य पढ़ें,लक्षमण गीता। मेरा ऐसा विस्वास है, अगर आपने ये प्रस्तुति धीरे धीरे ओर समझ समझ के पढ़ी,तो आपकी हर आध्यात्मिक शंका का …

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Prabhu Shri Ram

जय राम सदा सुखधाम हरे-श्री राम स्तुति

यह स्तुति माता सीता के अग्नि परीक्षा के साथ पुनः अग्नि से प्रकट होने पर श्री ब्रह्मा जी द्वारा की गयी। उस समय माता सीता जी सहित प्रभु श्री का दर्शन करने ब्रह्माजी और समस्त देवता …

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Shri Hanuman ji and Shri Tulasidas ji

तुलसीदास अमृतवाणी दोहे-अर्थ सहित & English Lyrics-4

तुलसीदास के दोहे-तुलसीदास अमृतवाणी:( हिन्दी भावार्थ सहित)-4 Tulsidas Ke Dohe: Tulasidas Amritvani – Lyrics with meaning in Hindi तुलसीदास अमृतवाणी दोहे अर्थ सहित & English Lyrics-3 रे मन सब सो नीरस है, सरस राम सो होहि| भलो सिखवान …

तुलसीदास अमृतवाणी दोहे-अर्थ सहित & English Lyrics-4 Read More

धर्मो रक्षति रक्षितः