क्रोध पर कबीर के दोहे|Kabir Ke Dohe On Anger
जहां काम तहां नाम नहीं,जहां नाम नहि कामदोनो कबहू ना मिलैय रवि रजनी एक ठाम। Jahan kaam tahan naam nahi,...
जहां काम तहां नाम नहीं,जहां नाम नहि कामदोनो कबहू ना मिलैय रवि रजनी एक ठाम। Jahan kaam tahan naam nahi,...
भक्ति महल बहुत उॅच है दूरैहि ते दर्शायजो कोइ जन भक्ति करै शोभा बरनि ना जाई। Bhakti mahal bahut unch...
सुमिरन मारग सहज का,सदगुरु दिया बताईसांस सांस सुमिरन करु,ऐक दिन मिलसी आये। Sumiran marag sahaj ka, satguru diya bataiSans sans...
मैं जानू हरि दूर है हरि हृदय भरपूरमानुस ढुढंहै बाहिरा नियरै होकर दूर। Mai janu Hari door hai Hari hirday...
कबिरा चिंता क्या करु, चिंता से क्या होयमेरी चिंता हरि करै, चिंता मोहि ना कोय। kabira chinta kya karu ,...
धर्मो रक्षति रक्षितः