पर नारी के संग को हमारे संतो ने बहुत भांति से भर्त्सना की है। कई संतों ने ‘पर नारी पैनी छुरी‘ (Par Nari Paini Chhuri) से प्रारम्भ करके अलग-अलग दोहे लिखे हैं। उन सभी का संकलन करके हम यहाँ अर्थ सहित प्रस्तुत कर रहे हैं।
1. परनारी पैनी छुरी, तीन ठौर से खाय।
धन हरे, यौवन हरे, अंत नरक ले जाए।।
अर्थ : दूसरे की स्त्री तेज धारदार छुरी के सामान है। जो पुरुष परस्त्री का सेवन करता है वह तीन स्थानों पर मात खाता है। एक तो उसका धन का नाश होता है , यौवन का नाश होता है और अंत में यह उस व्यक्ति का पुण्य नाश कर उसको नर्क में धकेल देती है।
2. परनारी पैनी छुरी , तीन ठोर से खाय।
धन छीजे जोबन हडे , पत पञ्चां में जाय।।
अर्थ : दूसरे की स्त्री का सेवन करना पैनी छुरी के सामान है। ऐसा पुरुष तीन स्थानों पर मात खाता है। एक तो उसका धन का नाश होता है , यौवन का नाश होता है और वह व्यक्ति पंचो (गाँव के गणमान्य व्यक्ति जो न्याय करते हैं) में प्रतिष्ठा गवां देता है।
3. पर नारी पैनी छुरी मति कोई करो प्रसंग।
रावण के दस शीश गये पर नारी के संग।।
अर्थ : दूसरे की स्त्री तेज धारदार छुरी के सामान है। उसके साथ किसी ही प्रकार से प्रेम प्रसंग मत करो। परस्त्री के संग के चक्कर में ही रावण के दसो सर कटाने पड़े। यही नहीं उसका समूल नाश हो गया।
4. पर नारी पैनी छुरी ,मति कोई लावो अंग।
रावण के दस सिर गये ,पर नारी के संग।।
अर्थ : दूसरे की स्त्री तेज धारदार छुरी के सामान है। उसे कभी भी मत छुओ। परस्त्री के संग के चक्कर में ही रावण के दसो सर कटाने पड़े। यही नहीं उसका समूल नाश हो गया।
Meaning: Other woman is a sharp -edged dagger, Do not try to touch her ;
Ravana lost all his ten heads, due to unhealthy obsession with someone else’s wife .
5. पर नारी पैनी छुरी, विरला बांचै कोय।
कबहुं छेड़ि न देखिये, हंसि हंसि खावे रोय।।
अर्थ : दूसरे की स्त्री का सेवन करना पैनी छुरी के सामान है। इसे कोई कोई ही समझ पाता है। इससे कभी छेड़ छाड़ मत करो नहीं तो हँसते हँसते रोना पड़ जाता है। अर्थात इसका परिणाम बुरा ही होता है।
6. पर नारी पैनी छुरी ,बिरला बचै कोई।
खाता मीठी खांड़ सी ,अंति काल विष होई।।
अर्थ : दूसरे की स्त्री का सेवन तेज धारदार छुरी के सामान है। इससे बहुत काम लोग बच पाते हैं। इसका सेवन करते समय यह खाँड़ ( गन्ने के रस से बना एक अर्ध तरल खाद्य पदार्थ ) के सामान मीठी लगती है परन्तु अंत काल में यही विष के सामान फल देती है अर्थात परलोक बिगाड़ देती है।
Meaning: It is difficult to avoid the allure of another attractive woman,
She seems sweet like molasses, but eventually turns out poisonous.
7.परनारी पैनी छुरी, बिरला बचै कोये
ना वह पेट संचारिये, जो सोना की होये।
Parnari paini chhuri,birla banchai koye
Na wah pet sanchariye,jo sona ki hoye.
भावार्थ: दुसरो की नारी तेज धार वाली चाकू की तरह है। इस के वार से सायद ही कोई बच पाता है। उसे कभी अपने हृदय में स्थान मत दें-यदि वह सोने की तरह आकर्षक और सुन्दर ही क्यों न हो।
Meaning: Other’s wife is a sharp knife,rarely one is saved. Never keep her in your heart,even if she is attractive like gold.
7. पर नारी पैनी छुरी, देखन की रस खान ।
भीतर पाड़ै पेट को मारे मुगद अजान ॥
Dibhu.com is committed for quality content on Hinduism and Divya Bhumi Bharat. If you like our efforts please continue visiting and supporting us more often.😀
Tip us if you find our content helpful,
Companies, individuals, and direct publishers can place their ads here at reasonable rates for months, quarters, or years.contact-bizpalventures@gmail.com