ढोल, गंवार, शुद्र, पशु , नारी का सही अर्थ क्या है
ढोल, गंवार, शुद्र, पशु , नारी रामायण की इस चौपाई पर आज कल वामपंथियों ने बहुत दुष्प्रचार फैलाया हुआ है। दुखद ये है की जिनका खुद का चरित्र पतित है वो भी इस पर बड़े मुखर हो जाते हैं। आइये देखते हैं की इस चौपाई का सही अर्थ क्या है और क्या वास्तव में यही सही चौपाई है।
ढोल, गंवार, शुद्र, पशु , नारी पूरी चौपाई
यह पूरी चौपाई इस प्रकार है
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प्रभु भल कीन्ह मोहि सिख दीन्हीं। मरजादा पुनि तुम्हरी कीन्हीं।
ढोल, गंवार, शुद्र, पशु , नारी ।सकल ताड़ना के अधिकारी।
ढोल, गंवार, शूद्र, पशु नारी किस कांड में है
ढोल, गंवार, शुद्र, पशु , नारी श्री तुसलीदास जी द्वारा रचित श्री रामचरितमानस के सुन्दर कांड में 58 वें दोहे के बाद यह छठी चौपाई है, जो समुद्र देवता तीन दिन के उपवास और प्रार्थना के बाद भी प्रभु श्री राम के क्रोधित होने पर उनसे आकर कहते हैं। यहाँ समुद्र देव अपने जड़ स्वभाव को इंगित करते हैं।
ढोल, गंवार, शुद्र, पशु , नारी में कौन सा अलंकार है
इस चौपाई (ढोल, गंवार, शुद्र, पशु , नारी) में श्लेष अलंकार है। श्लेष अलंकार में शब्द एक ही बार प्रयोग किया जाता है परन्तु उसका अर्थ विभिन्न सन्दर्भों मं लगा अलग होता है। जैसे यहाँ ताड़ना का अर्थ ढोर, गंवार, शूद्र पशु नारी के लिए अलग-अलग है। आइये देखते हैं कि कैसे ? और इस चौपाई का सही अर्थ क्या है?
ढोल, गंवार, शुद्र, पशु , नारी का सही अर्थ क्या है
प्रभु भल कीन्ह मोहि सिख दीन्हीं। मरजादा पुनि तुम्हरी कीन्हीं।
ढोल, गंवार, शुद्र, पशु , नारी। सकल ताड़ना के अधिकारी।
हे प्रभु आपने ये (मुझ पर क्रोध करके) अच्छा ही किया और मर्यादा स्थापित की। ढोल , गंवार , शूद्र, पशु और नारी ये सभी ताड़ना के अधिकारी है अर्थात उन्हें ताड़ना की आवश्यकता पड़ती है। यहाँ ताड़ना शब्द के कई अर्थ हैं और किस जगह क्या प्रयुक्त होगा इसके लिए विवेक की आवश्यकता है।
1.यहाँ ताड़ना का अर्थ ढोर (ढोल वाद्य यन्त्र )के लिए उसे पीट कर बजाने(Beating the drum) से है।
2.गंवार व्यक्ति के लिए उसे सही व्यवहार के लिए शिक्षा देते रहने वाली निर्देश (Directions) से है।
3. शूद्र (अर्थात श्रमजीवी मजदूर, कारीगर वर्ग ) के लिए भी निरीक्षण (Supervision) के लिए उपयोग होता है । घर बनाने वाले , कारीगर आदि सब शूद्र वर्ग से ही आते थे और आप ही बताइये कि लोग आज भी घरों में काम कराते हैं तो क्या निरीक्षण नहीं करते क्या? कार्य कराते समय ताड़ना अर्थात निरीक्षण कि आवश्यकता होती ही है अन्यथा काम बिगड़ने कि सम्भावना रहती है। पशु कि ताड़ना से अर्थ उनकी देख रेख और उनके बिगड़ने पर अनुशासित करने से है।
4.पशु की ताड़ना से अर्थ उन्हें स्वयं को और दूसरों को नुकसान पहुंचाने से रोकने से है। अगर आपका कुत्ता गली के लोगों को कटेगा तो आप उसे अवश्य बाँध कर रखेंगे।
5. नारी के सम्बन्ध में ताड़ना से अर्थ उनकी सुरक्षा व्यवस्था निजी आवश्यकताओं आदि पर ध्यान रखने(Taking care of) से है। जब प्रभु श्री राम मारीच के पीछे दौड़े तो पीछे लक्ष्मण जी को माता सीता कि सुरक्षा व्यवस्था की ताड़ना के लिए ही छोड़ गए थे।
ताड़ना के पर्यायवाची शब्द हैं – प्रहार, आघात, भाँपना, ताड़न, चेतावनी, प्रताड़न, कनैठी, गोशमाली, पहचानना, भाँपना, तैराना, देखना, उबारना, तारना आदि।
ताड़ने शब्द के प्रयोग के अन्य उदहारण
आज भी गावों में ध्यान रखने के लिए ताड़ते रहने शब्द का प्रयोग होता है।
- जैसे बच्चे खेल रहे होंगे तो बड़े बूढ़े उन्हें ताड़ते रहते हैं कि कहीं उन्हें चोट आदि न अलग जाए ।
- रसोई में दूध उबलता रहता है तो बीच बीच में ताड़ते रहते हैं कि कहीं उफन कर बह न जाए।
- बिजली गुल हो जाने पर लोग ताड़ते रहते है कि कब बिजली आये और टूबवेल चलकर खेत कि सिंचाई कर सकें ।
श्री रामचरितमानस अवधी भाषा में लिखी गयी है और गाँव की संस्कृति आदि न जानने वाले लोग शब्दों का प्रयोग भी सही तरीके से न जानने के कारण अर्थ का अनर्थ किये जा रहे हैं।
एक अन्य मतानुसार शूद्र और नारी शब्द मूल रामचरितमानस रचना में थे ही नहीं। वास्तविक शब्द क्षुद्र और रारी थे। इस पर विवेचना फिर बाद में।