महाराणा प्रताप के पौत्र व महाराणा अमरसिंह के पुत्र राजा भीमसिंह सिसोदिया
फ़ारसी तवारीख मुन्तखबउल्लुबाब में खफी खां लिखता है
“मेवाड़ के राजा भीम ने जिस बहादुरी के साथ शहज़ादे परवेज़ की फौज के तोपखाने पर हमला किया, उसका बयान नहीं हो सकता। राजा भीम बादशाही फौज को चीरता हुआ शहज़ादे परवेज़ के गिरोह तक पहुंच गया। इस वक़्त जो कोई उसके सामने आया, वो तलवार और भाले से कत्ल हुआ। राजा भीम के भी बहुत से साथी मारे गए, तो भी उसका हमला इतना तेज़ था कि 40,000 की बादशाही फौज के पैर उखड़ने को ही थे कि तभी महाबत खां ने जटाजूट नाम के एक तेज़ तर्रार हाथी को राजा भीम से लड़ने भेजा। राजा भीम ने अपनी तलवार और बर्छे से उस हाथी को मार गिराया। राजा भीम की तलवार के हर एक वार के बाद दोनों तरफ के फौजी आदमी उसकी तारीफ़ करते थे। राजा भीम सख्त जख्मी होकर घोड़े से गिर गया। तभी एक बादशाही फौज का आदमी उसको मारने के लिए पास आया, तो राजा भीम ने अचानक उठकर उसका सर काट दिया। आख़िरकार राजा भीम भालों और तलवारों के 27 जख्म खाकर बहादुरी के साथ मारा गया।”
पोस्ट लेखक :- तनवीर सिंह सारंगदेवोत (लक्ष्मणपुरा – मेवाड़)
Dibhu.com-Divya Bhuvan is committed for quality content on Hindutva and Divya Bhumi Bharat. If you like our efforts please continue visiting and supportting us more often.😀


वीर योद्धा भीमसिंह जी सिसोदिया को शत शत नमन
From the FB wall of : राजपूताना इतिहास और विरासत