कुछ समय पहले की बात है भारतीय सेना की एक युवा महिला अधिकारी अरुणांचल प्रदेश में भारत चीन सीमा के दौरे पर थी…. कई फ्रंट लाइन पोस्ट पर घूमते हुए ये लेफ्टिनेंट जेमिथांग पहुंची और वहां की एक आर्मी पोस्ट का नाम देख चौंक पड़ी | इस पोस्ट का नाम आशीष टॉप था |
इस पोस्ट को 1986 में एक झड़प के बाद चीनियों से लेने वाले युवा अधिकारी थे कैप्टन आशीष दास असम रेजीमेंट के| बाद में वो कर्नल बन रिटायरमेंट ले लिए| उस झड़प में युवा कैप्टन आशीष दास ने चीन के एक अधिकारी को पटक के कूटा जिसमें एक पंच उसकी नाक पर पड़ा | नाक से खून टपकाता चीनी अधिकारी चला गया |और उन्ही आशीष दास की युवा लेफ्टिनेंट बेटी सालों बाद वहां अपनी ड्यूटी करने पहुंची| आप कल्पना करिए उस बेटी के गर्व की|
कहते हैं इतिहास खुद को दोहराता है….
9 मई 2020 को कुछ चीनी सैनिक सिक्किम के नाकु ला में भारतीय क्षेत्र में घुस आए अब भारतीय सैनिक भी उनके सामने अड़ गए| कई घंटे खींच तान चली | इसी बीच आसमान से ऊंचे अहंकार वाले चीन की PLA का एक मेजर चिल्लाकर भारतीय सैनिकों से बोला के पूरा सिक्किम ही उनका है|
इस बात पर साल भर पहले सेना में शामिल एक युवा लेफ्टिनेंट को गुस्सा आगया उसने चीनी मेजर की नाक पर घूंसा धर उसे धराशायी कर दिया| मेजर साब को पेलना तो उसने ढंग से चालू किया पर साथ के अन्य लोगों ने मेजर को उससे बचाया| मेजर नाक से खून टपकाते लौट लिए चीन|
अब सबसे मजेदार बात ये युवा लेफ्टिनेंट 1986 वाले कैप्टन आशीष दास का बेटा है|
दरअसल सेना सिर्फ नौकरी नहीं होती हिंदुस्तान में बहुतों के लिए परंपरा भी होती है | यूँ ही कोई 22-24 साल का लड़का मौत की आंख में आंख डाल बात करने का ख्वाब नहीं पालता|
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