|| हिन्दी दिवस ||
हिंदी को राजभाषा का दर्जा 14 सितंबर, 1949 के दिन मिला था. तब से हर साल यह दिन ‘हिंदी दिवस’ के तौर पर मनाया जाता है |
काफी सोच विचार के बाद हिंदी और अंग्रेजी को नए राष्ट्र की भाषा चुना गया. संविधान सभा ने देवनागरी लिपी में लिखी हिन्दी को अंग्रजों के साथ राष्ट्र की आधिकारिक भाषा के तौर पर स्वीकार किया था. 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने एक मत से निर्णय लिया कि हिंदी ही भारत की राजभाषा होगी.
देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने कहा कि इस दिन के महत्व देखते हुए हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाए. बतादें पहला हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 में मनाया गया था.
✏..हिंदी एक वैज्ञानिक भाषा है
और कोई भी अक्षर वैसा क्यूँ है
उसके पीछे कुछ कारण हैं →
क, ख, ग, घ, ङ –
कंठव्य कहे गए,
क्योंकि इनके उच्चारण के समय ध्वनि कंठ से निकलती है ।
(एक बार बोल कर देखिये)
च, छ, ज, झ,ञ –
तालव्य कहे गए,
क्योंकि इनके उच्चारण के
समय जीभ तालू से लगती है ।
(एक बार बोल कर देखिये)
ट, ठ, ड, ढ ,ण –
मूर्धन्य कहे गए,
क्योंकि इनका उच्चारण
जीभ के मूर्धा से लगने पर ही सम्भव है ।
( बोल कर देखिये )
त, थ, द, ध, न –
दंतीय कहे गए,
क्योंकि इनके उच्चारण के समय जीभ दांतों से लगती है ।
(बोल कर देखिये)
प, फ, ब, भ, म –
ओष्ठ्य कहे गए,
क्योंकि इनका उच्चारण ओठों के मिलने पर ही होता है।
(बोल कर देखिये)
हम अपनी भाषा पर गर्व करते हैं, ये सही है परन्तु लोगो को इसका कारण भी बताईये ।
इतनी वैज्ञानिकता दुनिया की किसी भाषा में नही है ।
“हिंदी दिवस की शुभकामनाएँ”…
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