ऐसे संत जो स्वयं किसी से 10₹ से अधिक का दान स्वीकार नही करते पर जब अयोध्या श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण में समर्पण देने बारी आई तो स्वयं 250000₹ की निधि समर्पित कर दी।
निमाड़ नर्मदा मईया के किनारे रहने वाले पूज्य संत सियाराम बाबा ने अपने 10 -10 रुपये की आई भेट को राम मंदिर निर्माण में समर्पित कर दिया।
वाकई सन्त ही सनातन की रीढ़ है इन सन्तो ने ही हजारो वर्षो से सारे थपेड़े खाकर भी हमे सनातन सुरक्षित लाकर सौपा है।
सियाराम जी जैसे संत ही वह भगीरथ है जो इतिहास के सारे घाव सहकर भी सनातन धर्म को सुरक्षित यहां तक लेकर आए और हमे सौंपा है।
वामपंथीयों और फूहड़ फिल्मकारों ने सनातन धर्म व साधु संतों की जो छवि निर्माण की है उसके बहकावे में आकर अपने सनातन सन्तो का कभी अपमान नही करना। ये सन्त ही भारत और सनातन की आत्मा है। पूज्य सियाराम बाबा जैसे सन्त हर जगह है जो जहाँ है वहां उनका सम्मान करें, ये धरोहर है हमारे सनातन की।
संतश्री के चरणों में वन्दन नमन!!
!!जय श्रीराम !!
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