श्री रविदास चालीसा
भगवदभक्त संत श्री रविदास चालीसा ॥दोहा॥ बन्दौ वीणा पाणि को, देहु आय मोहिं ज्ञान।पाय बुद्धि रविदास को, करौं चरित्र बखान।मातु की महिमा अमित है, लिखि न सकत है दास।ताते आयों शरण में, पुरवहुं जन की आस। …
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चालीसा संग्रह
भगवदभक्त संत श्री रविदास चालीसा ॥दोहा॥ बन्दौ वीणा पाणि को, देहु आय मोहिं ज्ञान।पाय बुद्धि रविदास को, करौं चरित्र बखान।मातु की महिमा अमित है, लिखि न सकत है दास।ताते आयों शरण में, पुरवहुं जन की आस। …
श्री रविदास चालीसा Read MorePretraj Chalisa
श्री प्रेतराज चालीसा Read Moreमाँ शाकंभरी (शाकुम्भरी) देवी चालीसा-2 ॥दोहा॥ दाहिने भीमा भ्रामरी अपनी छवि दिखाए।बाईं ओर शताक्षी नेत्रों को चैन दिलाये। भूरे देव महारानी के सेवक पहरेदार।मां शाकम्भरी देवी की जग माई जै जै कार।। ॥चौपाई॥ जै जै श्री …
माँ शाकंभरी (शाकुम्भरी) देवी चालीसा-2 Read Moreमाँ अन्नपूर्णा चालीसा ॥दोहा॥ विश्वेश्वर पदपदम की रज निज शीश लगाय ।अन्नपूर्णे, तव सुयश बरनौं कवि मतिलाय । ॥चौपाई॥ नित्य आनंद कारिणी माता, वर अरु अभय भाव प्रख्याता ।जय ! सौंदर्य सिंधु जग जननी, अखिल पाप …
माँ अन्नपूर्णा चालीसा Read Moreश्री नाकोडा भैरव चालीसा ॥दोहा॥ पाश्वर्नाथ भगवान की, मूरत चित बसाए ॥भैरव चालीसा लखू, गाता मन हरसाए ॥ ॥चौपाई॥ नाकोडा भैरव सुखकारी, गुण गाये ये दुनिया सारी ॥भैरव की महिमा अति भारी, भैरव नाम जपे नर …
श्री नाकोडा भैरव चालीसा Read More धर्मो रक्षति रक्षितः