June 5, 2023

बाप मरे अंधियारे घरे, बेटवा क नाम पावरहाउस

0
0
(0)

बाप मरे अंधियारे घरे, बेटवा का नाम पावरहाउस

ये भोजपुरी मुहावरा बहुत कठोर व्यंग है। प्रायः जब कोई बहुत बड़ी-बड़ी बाते फेंकता है। अपनी पारिवारिक प्रतिष्ठा से बहुत बढ़-चढ़ कर बात करता तो है परंतु उसके पास उचित कौशल या क्षमता नहीं होती। उस दशा में लोग ऐसा व्यंग करते हैं की बाप मरे अंधियारे घर बेटवा का नाम पावरहाउस।

अर्थ

पिता की मृत्यु बिजली की बिना व्यवस्था वाले अंधेरे घर में हुई परंतु बेटे का नाम बिजली पैदा करने वाले पावरहाउस के नाम पर रखा गया है।

Dibhu.com-Divya Bhuvan is committed for quality content on Hindutva and Divya Bhumi Bharat. If you like our efforts please continue visiting and supportting us more often.😀


संदर्भ

पहले गावों में बिजली व्यवस्था नहीं हुआ करती थी। बहुत बाद में लगभग सन 70- 80 के दशक में बिजली आनी शुरू हुई। यह प्रक्रिया अभी भी दो तीन साल पहले ही पूरी हुई जब भारत के हर गांव में बिजली आ पाई।

लेकिन यह कहावत अभी भी बदस्तूर जारी है। प्रायः लोग इसे किसी के पीठ पीछे ही प्रयोग करते हैं।

वाक्य प्रयोग

विनोद शहर में जाकर ऑटो चलाता था लेकिन गांव में वापस आ कर उसने बताया कि वह शहर में 25 कारें लेकर चलवाता है और बहुत बड़ा व्यक्ति है। लोग उसकी सच्चाई को जानते थे इसलिए उन्होंने कहा कि ‘बाप मरे अंधियारे घर बेटवा क नाम पावरहाउस’।

बाप क नाम साग पात, बेटा क नाम परोरा

इसी कहावत को एक अन्य तरीके से भी कहते हैं।

बाप के नाम साग पात, बेटा के नाम परोरा

यहाँ पिता का नाम साग पात अर्थात साग पत्तियां जो की सस्ती होती हैं कहा गया है ; जबकि बेटे का नाम परोरा अर्थात परवल बताया गया है जो कि कुछ महँगी होती है। मुहावरे का अर्थ वही है की पारिवारिक स्थिति बड़ी छोटी थी लेकिन वंशज बड़ी बड़ी डींगे हाँक रहा है।

Facebook Comments Box

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

We are sorry that this post was not useful for you!

Let us improve this post!

Tell us how we can improve this post?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!