May 28, 2023

आज ही के दिन हुआ था चित्तौड़ का तीसरा जौहर: 23-24 फरवरी की अर्द्धरात्रि

0
0
(0)

454 वर्ष पूर्व आज ही के दिन हुआ था चित्तौड़ का तीसरा जौहर

23-24 फरवरी की अर्द्धरात्रि, 1568 ई.

इस जौहर का नेतृत्व रावत पत्ता चुण्डावत की पत्नी फूल कंवर जी ने किया

ये जौहर दुर्ग में 3 अलग-अलग स्थानों पर हुआ –

1) रावत पत्ता चुण्डावत के महल में
2) साहिब खान जी के महल में
3) ईसरदास जी के महल में

Dibhu.com-Divya Bhuvan is committed for quality content on Hindutva and Divya Bhumi Bharat. If you like our efforts please continue visiting and supportting us more often.😀


अबुल फजल लिखता है “हमारी फौज 2 दिन से भूखी-प्यासी होने के बावजूद सुरंगों को तैयार करने में लगी रही। इसी दिन रात को अचानक किले से धुंआ उठता नजर आया। सभी सिपहसालार अंदाजा लगाने लगे कि अंदर क्या हुआ होगा, तभी आमेर के राजा भगवानदास ने शहंशाह को बताया कि किले में जो आग जल रही है, वो जौहर की आग है और राजपूत लोग केसरिया के लिए तैयार हैं, सो हमको भी तैयार हो जाना चाहिए”

रावत पत्ता चुण्डावत की आंखों के सामने उनकी माता सज्जन कंवर, 9 पत्नियों, 5 पुत्रियों व 2 छोटे पुत्रों ने जौहर किया।

दुर्ग में जौहर करने वाली कुछ प्रमुख राजपूत वीरांगनाओं के नाम इस तरह हैं –

रानी फूल कंवर :- इन्होंने चित्तौड़ के तीसरे जौहर का नेतृत्व किया।

सज्जन बाई सोनगरी :- रावत पत्ता चुण्डावत की माता

रानी मदालसा बाई कछवाही :- सहसमल जी की पुत्री

जीवा बाई सोलंकिनी :- सामन्तसी की पुत्री व रावत पत्ता चुण्डावत की पत्नी

रानी सारदा बाई राठौड़

रानी भगवती बाई :- ईसरदास जी की पुत्री

रानी पद्मावती बाई झाली

रानी बगदी बाई चौहान

रानी रतन बाई राठौड़

रानी बलेसा बाई चौहान

रानी बागड़ेची आशा बाई :- प्रभार डूंगरसी की पुत्री

चित्तौड़ के तीसरे जौहर के प्रमाण स्वरुप भारत सरकार के पुरातत्व विभाग ने समिद्धेश्वर मन्दिर के पास सफाई करवाई तो राख और हड्डियां बड़ी मात्रा में मिलीं।


Third Jauhar of Chittor Chittaur 23-24 February midnight 1568
Facebook Comments Box

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

We are sorry that this post was not useful for you!

Let us improve this post!

Tell us how we can improve this post?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!