रावण का बखान: कितना सच कितना झूठ
आजकल सोशल मीडिया पर एक ट्रेंड बहुत तेजी से चल पड़ा है ~ रावण के बखान ~
1.उसने माता सीता को कभी छुआ नहीं ! चलो ठीक है..
2. अपनी बहन के अपमान के लिये …पूरा कुल दाँव पर लगा दिया !
जी हाँ ! … ये भी ठीक !
3. कोई कहता है कि रावण अजेय था ! !
जी हाँ ! अच्छा आप ग्रन्थ पूरा न पढ़ो तो हमारी गलती है !
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रावण को मिला था श्राप अपनी ही पुत्रवधु के साथ दुष्कर्म के कारण
1) अरे भाई ! माता सीता को नहीं छूने का कारण उसकी भलमनसाहत नहीं , बल्कि अपने सौतेले भाई कुबेर के पुत्र – “नलकुबेर” द्वारा दिया गया श्राप था.
कि यदि किसी स्त्री को उसकी इच्छा विरुद्ध छुआ , तो उसके सिर के टुकड़े-टुकड़े हो जायेंगे !
क्यो की रावण ने उसकी होने वाली पुत्रवधू यानी नलकुबेर की होने वाली पत्नी रंभा का बलात्कार किया था।इस बात का विस्तार से उल्लेख वाल्मिकी रामायण के उत्तरकांड मे अध्याय 26- श्लोक 39 मे मिलता है।
ना जाने कितनी स्त्रियों का अपहरण किया ! इस संदर्भ मे रावण सीताजी से कहता है:-
बह्वीनामुत्तमस्त्रीणामाहृतानामितस्ततः ।
सर्वासामेव भद्रं ते ममाग्रमहिषी भव ॥ २८ ॥
मैं यहां वहां से अनेकों सुंदर स्त्रियों को हरण करके ले आया।उन सबमें तू मेरी पटरानी बन,इसमें तेरी भलाई है।।२८।।
(अरण्यकांड सर्ग ४७/२८)
2)-एक गरीब ब्राह्मणी ‘वेदवती’ के रूप से प्रभावित होकर जब वो उसे बालों से घसीट कर ले जाने लगा तो वेदवती ने आत्मदाह कर लिया , और वो उसे श्राप दे गई कि
~तेरा विनाश एक स्त्री के कारण ही होगा..!!!
3)– जब रावण का मंत्री महापार्ष रावण को सिताजी के बलात्कार के लिये उकसाता है तब रावण उसे बताता है की एक बार उसने पुंजीकस्थला नाम की अप्सरा का बलात्कार किया तब ब्रह्माजी ने उसे शाप दिया की
आज के बाद उसने किसी स्त्री के साथ बलात्कार किया तो उसके सर के टुकड़े–टुकड़े हो जाएंगे।
4)-रावण ने अपनी पत्नी की बहन माया के साथ छल से संबंध बनाकर उसका पतिव्रता धर्म नष्ट किया तब माया ने रावण को श्राप दिया की
स्त्री के प्रति तुम्हारी कामना तुम्हारे विनाश का कारण बनेगी।
और रावण जानता था कि यदि वह सीताजी को गलत नियत से स्पर्श करेगा तो उसके सिर के सौ टुकड़े हो जाएंगे। अतः उसने मर्यादा के कारण नही मृत्यु के भय के कारण सिताजी को नही छुवा।
और दूसरी कहानी
कभी लोग ये कहानी सुनाने बैठ जाते हैं कि एक माँ अपनी बेटी से ये पूछती है कि।
रावण ने अपनी ही बहन सूर्पनखा के पति का वध करके उसे विधवा बना दिया था
तुम्हें कैसा भाई चाहिये ?*
बेटी का जवाब होता है ~ रावण जैसा ! जो अपनी बहन के अपमान का बदला लेने के लिये सर्वस्व न्यौछावर कर दे !
भद्रजनों ! ऐसा नहीं है.
रावण की बहन सूर्पणखां के पति का नाम विद्युतजिव्ह था , जो राजा कालकेय का सेनापति था ! जब रावण तीनो लोकों पर विजय प्राप्त करने निकला तो उसका युद्ध कालकेय से भी हुआ , जिसमें उसने विद्युतजिव्ह का वध कर दिया तब सूर्पणखा ने अपने ही भाई को श्राप दिया कि,
तेरे सर्वनाश का कारण मैं बनूँगी !!
अन्य धर्मो द्वारा फैलाई गई …बातों पर न जायें !और फिर भी जिन बहनों को विधवा होना है, ख़ुशी से रावण जैसा भाई ईश्वर से मांग सकती है, ताकि उसके मौत का कारण भी खुद ही बन सके जैसा के पति के मरने पर शूर्पणखा ने भाई रावण को श्राप दिया था।
यानि भाई बहन के पति की जान ले ..बाद मे बहन भी भाई की मृत्यु का कारण बने.. हिसाब बराबर… वाह रे भाई बहन का प्यार..
रावण अपराजित नहीं था
कोई कहता है कि रावण अजेय था !
जी नहीं.. प्रभु श्रीराम के अलावा उसे राजा बलि, वानर राज बाली , महिष्मति के राजा कार्तवीर्य अर्जुन और स्वयं भगवान शिव ने भी हराया था..!!
रावण विद्वान अवश्य था, लेकिन जो व्यक्ति अपने ज्ञान को यथार्थ जीवन में लागू ना करे , वो ज्ञान विनाशकारी होता है !
रावण ने अनेक ऋषि मुनियों का वध ही नही किया, बल्कि अनेक यज्ञ ध्वंस भी किये थे।
सनातन धर्म के विरुद्ध दुष्प्रचार नमक रावण से बचिए। खुद भी जानिए और दूसरों को भी बताइये।
जरुरी है ~
अपने हृदय में राम को जिन्दा रखना !
क्योंकि …
सिर्फ पुतले जलाने से …रावण नहीं मरा करते !
।।जय सनातन धर्म।।
Share source: Shudhir Mehrotra