श्रील प्रभुपाद : इस्कॉन के संस्थापक
श्रील प्रभुपाद : इस्कॉन के संस्थापक आचार्य
-एक ऐसा भारतीय सन्यासी जो पाकिस्तान में 12 मंदिर बनवा दिए ।
-एक ऐसा सन्यासी जो मात्र 12 वर्ष में 15 बार पूरी पृथ्वी का भ्रमण किया ।
-एक ऐसा सन्यासी जो 70 वर्ष की उम्र में, अमेरिका में जाकर दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक संस्था इस्कान की स्थापना की ।
-एक ऐसा सन्यासी जिसके नाम दुनिया में सबसे ज्यादा भागवत गीता बांटने का रिकॉर्ड है ।
-एक ऐसा सन्यासी जिसने दुनिया में सबसे ज्यादा विदेशियों को सनातन धर्म से जोड़ने का रिकॉर्ड बनाया ।
-एक ऐसा सन्यासी जो मृत्यु के अंतिम क्षणों में भगवत गीता का श्लोक का इंग्लिश में ट्रांसलेट करते करते प्राण त्याग दिया ।
-एक ऐसा संन्यासी, जिसने दुनिया में सबसे पहले रथयात्रा निकालने की परंपरा शुरू की ।
-एक ऐसा भारतीय संन्यासी, जो सभी विदेशियों को शुद्ध शाकाहारी बना दिए और हरे कृष्ण महामंत्र …जाप करने में लगा दिए।
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एक ऐसा संन्यासी, जो चार नियम पालन करने को कह गए, वो चार नियम पालन करके कोई भी, श्रीला प्रभुपाद का शिष्य अभी भी बन सकता है, ये प्रभुपाद खुद बोल कर गए हैं…..
ये चार नियम ये हैं !
1* 16 माला नित्य हरि नाम जाप। (हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे) ये हरिनाम जपना नित्य 16 माला।
2* शुद्ध शाकाहारी रहना। लहसुन,प्याज ,मांस, मछली, अंडा, जीव हत्या बंद करो..
3* पर पुरुष/ पर स्त्री गमन का त्याग।
4* जुआ न खेलना …किसी भी प्रकार का नशा का त्याग, शराव , चाय, कॉफ़ी, गुटका, बीड़ी, सिगरेट जितना भी नशा है, सब त्याग करो.
एक ऐसा संन्यासी, जिसने करोड़ों अरबों कि, धार्मिक संपत्ति बीबी बच्चों भाई के नाम न करके, इस्कान के नाम कर दिया, जिसको दुनिया के 12 अलग-अलग देशों के 12 दीक्षित संन्यासी फाउंडर बनकर चलाएंगे।
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे !
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे।।

