श्री ब्रह्मचारिणी माता की आरती| जय अम्बे ब्रह्मचारिणी माता
नवदुर्गा आरती संग्रह | नवरात्रि आरती दिवस 2
ब्रह्मचारिणी माता की आरती के बोल-लिरिक्स -आरती जय अम्बे ब्रह्मचारिणी माता
जय अम्बे ब्रह्मचारिणी माता।जय चतुरानन प्रिय सुख दाता॥
ब्रह्मा जी के मन भाती हो।ज्ञान सभी को सिखलाती हो॥
ब्रह्म मन्त्र है जाप तुम्हारा।जिसको जपे सरल संसारा॥
जय गायत्री वेद की माता।जो जन जिस दिन तुम्हें ध्याता॥
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कमी कोई रहने ना पाए।कोई भी दुख सहने न पाए॥
उसकी विरति रहे ठिकाने।जो तेरी महिमा को जाने॥
रद्रक्षा की माला ले कर।जपे जो मन्त्र श्रद्धा दे कर॥
आलस छोड़ करे गुणगाना।माँ तुम उसको सुख पहुँचाना॥
ब्रह्मचारिणी तेरो नाम।पूर्ण करो सब मेरे काम॥
भक्त तेरे चरणों का पुजारी।रखना लाज मेरी महतारी॥
।।इति श्री ब्रह्मचारिणी माता जी आरती समाप्त।।
माँ ब्रह्मचारिणी नवरात्री के दूसरे दिन की अधिष्ठात्री देवी हैं। यह माता पार्वती का ब्रह्मचारिणी स्वरुप है। जब माँ पार्वती भगवान शिव को प्राप्त करने के लिए तपस्या कर रही थीं तब माता ने इस ब्रह्मचारिणी स्वरुप को धारण किया था। माता का यह स्वरुप परम शक्तिशाली है और आराधना करने पर सुपात्रता प्रदान करता है। सृष्टि में तपस्या ही सब कृतियों का मूल है। माता का यह तपस्यरत रूप परम कल्याणकारी है।
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