कोरोना की दवा कोरोनिल पर हुए विवाद का असली कारण
एक बार पहले भी लिखा था। कोरोनिल पर हुए विवाद से बात फिर याद आ गयी।
कोई 14 साल पहले की बात है। एक पलक पर फुंसी हो गयी। कुछ दिनों बाद फुंसी खत्म हो गयी, लेकिन उस जगह पलक पर एक दाने जैसा उभार रह गया। कोई दर्द नहीं, लेकिन अजीब लगता था। जोरबाग में क्लीनिक चलाने वाले एक बढ़िया नेत्र चिकित्सक महोदय के पास गया। उन्होंने बताया कि कोई बड़ी चीज नहीं है। पलक पर अंदर की तरफ से एक छोटा सा चीरा लगेगा और पलक में जो कुछ अटक गया है, वह निकल जायेगा। उन्होंने आश्वस्त किया कि बहुत मामूली काम है, कुछ देर बाद ही घर वापस जा सकोगे। खर्च करीब ढाई हजार रुपये होगा।
उनसे सलाह लेकर लौटा ही कि एक-दो दिनों में एक बड़े व्यक्ति ने देखते ही टोका कि आँख में क्या हुआ है, कब से है। फिर बोले, छुहारे का बीज घिस कर पलक के ऊपर लगाओ 10-15 दिन। मैंने बात मान ली, कि नुकसान ही क्या है इसमें। नहीं कुछ हुआ तो चीरा लगाने का रास्ता तो खुला ही है। करीब हफ्ते भर ही छुहारे का बीज घिस कर लगाया कि वह दाना गायब होने लगा और सच में दो हफ्ते में पूरा गायब हो गया।
बाद में कई सालों बाद उन नेत्र चिकित्सक साहब से किसी और संदर्भ में मिला और उन्हें यह बात बतायी। वे इस बात पर खुश नहीं हुए कि उन्हें एक अच्छी बात पता चली। उन्होंने यह नहीं कहा कि अपने पास आने वाले मरीजों पर वे इसका परीक्षण करेंगे जिससे वे चीरा लगाने की तकलीफ और ढाई हजार रुपये के खर्च से बच जायें। उन्होंने जो कहा उसका मतलब था – यार तुम तो दुकान बंद करवाओगे।
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अब सोचिए, सौ सवा सौ रुपये में अश्वगंधा चूर्ण का डिब्बा आता है। करीब इतने में ही गिलोय वटी, तुलसी वटी वगैरह उपलब्ध हैं। कोरोनिल को जाने दीजिए, अभी लोग सबूत माँग रहे हैं। लेकिन लोग गिलोय, तुलसी, अश्वगंधा खा कर कोरोना से बचने लगें, तो लाखों रुपये के पैकेज बना कर बैठे हुए अस्पताल क्या करेंगे?
यार तुम तो दुकान बंद करवाओगे।
Writer: Rajeev Ranjan Jha:


पोस्ट के प्रत्युत्तर में कुछ और देसी दवाइयों के भी अनुभव सामने आये देखिये ::
Ankita Sharma– मुझे थायरॉइड है 5 साल से,पिछली साल सर्दियों में मैंने त्रिकुटा पिया दूध में और मात्र15 दिन में थायराइड रिपोर्ट नॉर्मल आयी।।फिर गर्मियों में सांस में दिक्कत आयी तो डॉक्टर बोला कि वजन बढ़ रहा है थायरॉइड और सुगर भी टेस्ट करना पड़ेगा मैने कहा थायराइड तो ठीक है मेरा,बोले ये तो ठीक नही होता बस कंट्रोल में रहता है जब तक दवाई खाते रहो।।टेस्ट किया उसमे भी थायराइड ठीक आया तो पूछा कैसे ठीक हुआ मैंने बताया त्रिकुटा पीया तो बोले कि कुछ भी उटपटांग मत लिया करो बिना डॉक्टर के सलाह के,और थायरॉइड की दवाई लिख दी।