शिकारपुर के बसंतू साव
(मजेदार पुरानी ग्रामीण आँचलिक कहानी)
एक गाँव था शिकारपुर| वहाँ रहने वाले सभी मूर्ख थे| दूर -दूर तक गाँव वालों के मूर्खता की चर्चा थी|
शिकारपुर में एक थे बसंतू साव| उनका नियम था कि वो रोज गाँव के टेकरी के पास की अमरैया में लोटा लेकर दीर्घशंका करने जाते थे|
एक बार शहर से वहाँ किसी की बारात आई| बारात गाँव की अमरैया के पास से गुज़री| एक बाराती ने किसी से पूछा ,
” क्यों भैया, क्या ये वही मूर्खों वाला शिकारपुर गाँव है?”
पास ही में बसंतू साव झाड़ी में दीर्घशंका कर रहे थे| गाँव की इज़्ज़त की बात समझ कर दीर्घशंका के बीच में से ही उठाकर चिल्लाए,
” हाँ भैया शिकारपुर यही है, लेकिन अब यहाँ कोई मूर्ख नही रहता है |”
बाराती हँसते हुए आगे बढ़ गये|
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