बनारसी फक्कड़ पन
बड़े दिनो बाद भगवान शंकर की सबसे प्रिय नगरी काशी( बोल चाल में अब लोग बनारस कहते हैं )बनारस के उपर राजीव मिश्रा जी का ब्लॉग पढ़ा(ब्लॉग लिंक यहाँ है)| फिर से याद आया कि बनारस , बनारस ही है| बड़े-बड़े राजे-रजवाड़े आए , आमिर-उमराव सब आए लेकिन बनारस की फक्कड़ मिजाजी कही से भी कम नही हुई| जो आया बनारस ने खुले दिल से, बाहें फैलाकर उसे अपना बना लिया| पता नही भोले बाबा ने कौन सा जादू डाल रखा है इस शहर में, जो आता है यहीं का हो जाता है, नही तो उसका दिल यहीं का हो के रह जाता है | बड़े बड़े , लेखक, कवि, विद्वान साहित्यकार, कलाकार और ढेरों दार्शनिक दिए हैं बनारस ने| विद्वानों की कभी कमी नही रही यहाँ पर | संस्कृति और संस्कार के केंद्र रह चुका बनारस जाने कितने हज़ारों सालों से दुनिया के तमाम कोनो से लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता रहा है| विश्वा की सर्वाधिक प्राचीनतम, लगातार बसी हुई नगरी है, हमारी काशी| फिर तो इस शहर का इतिहास इतना समृद्ध होना ही था; और जहाँ भोले बाबा का विशेष प्रेम बरसता हो वहाँ तो ज्ञान और संस्कृति की तो पराकाष्ठा होनी ही थी|| लेकिन इन सबके बावजूद जो चीज़ बनारस को सबसे ज़्यादा बनारसी बनती है वो है यहाँ का फक्कड़पन| भोले बाबा ने अपने सब विद्याओं और ज्ञान के साथ अपना फक्कड़पन भी बनारस को उपहार में दे दिया| यहाँ चाहे आदमी ग़रीब हो या आमिर, छोटा मानो या बड़ा सब के मूल में वही बनसरी फक्कड़पन है जो इस शहर को तमाम विरोधाभासों के बीच भी जीवंत और खुशहाल बनाए रखता है| भला ऐसा कौन सा शहर है, जहाँ मृत्यु जैसे मार्मिक कर्म को भी लोग उत्सव की तरह मनाए, लेकिन बनारस में तो श्मशान पर भी शिव के लिए नृत्य होते हैं| यह शहर ऐसा है जहाँ जियो तो मस्ती और उत्सव और मरो तो भी उत्सव; क्योंकि तब आदमी का मोक्ष हो जाता है| लोग इसे काशी लाभ कहके पुकारते हैं| भाई साहब मरने में भी लाभ? है ना विचित्र| ऐसा ही है ये शहर बनारस| यहाँ चाहे आदमी दिन में 50 रुपये कमाए या 5 लाख सबकी वही ठसक रहती है| इस ठसक को अहंकार ना समझिएगा |यह तो उन्मुक्त अल्लहड़ पन है, मानव मात्र के विभिन्न आग्रहों के प्रति आंतरिक सप्रेम स्वीकरोक्ति के साथ अपनी चेतना की भी एक अनगढ़ सी अभिव्यक्ति है| ज्ञान की गंगा , परम औ ौघड़ बाबा शिव का फक्कड़ पन , बेफिक्री ऐसी कि फ़िक्र भी फ़िक्र भूल जाए, सजीव उर्जा काअनंत स्त्रोत, महाप्रलय में भी नष्ट ना होने वाला भगवान शिव की सबसे प्रिय नगरी है ये काशी|||बना रहे बनारस ||
महाशिवरात्रि के पर्व पर आप सब लोगों को हार्दिक शुभकामनायें||हर हर महादेव!
Buy Shiv Chalisa, Aarti & Vishwanathshtakam
Buy Bhagwan Shiv Chalisa, Shiv Aarti & Shri Vishwanathashtakam eBook with meaning in English & Hindi
Facebook Comments Box
Dibhu.com is committed for quality content on Hinduism and Divya Bhumi Bharat. If you like our efforts please continue visiting and supporting us more often.😀
Tip us if you find our content helpful,
Companies, individuals, and direct publishers can place their ads here at reasonable rates for months, quarters, or years.contact-bizpalventures@gmail.com