अन्य स्त्रोत कबीर दास के प्रसिद्द दोहे अर्थ सहित|Kabir Ke Dohe Arth Sahit संकलित लेख February 15, 2022 1 तूँ तूँ करता तूँ भया, मुझ मैं रही न हूँ।वारी फेरी बलि गई, जित देखौं तित तूँ ॥ Too too... Read More