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Shri Hanuman ji and Shri Tulasidas ji

तुलसीदास के दोहे-2: सुमिरन

सेवक सुमिरत नामु सप्रीती।बिनु श्रम प्रवल मोह दलु जीती।फिरत सनेहॅ मगन सुख अपने।नाम प्रसाद सोच नहि सपने। भक्त प्रेमपूर्वक नाम के सुमिरण से बिना परिश्रम मोह माया की प्रवल सेना को जीत लेता है और प्रभु …

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Shri Hanuman ji and Shri Tulasidas ji

तुलसीदास के दोहे-1: संतजन

साधु चरित सुभ चरित कपासू।निरस विशद गुनमय फल जासू।जो सहि दुख परछिद्र दुरावा।वंदनीय जेहि जग जस पावा। संत का चरित्र कपास की भांति उज्जवल है लेकिन उसका फल नीरस विस्तृत और गुणकारी होता है। संत स्वयं …

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Chhathi Maiya-Shashthi Devi

छठ पूजा षष्ठी पर्व- महत्त्व कथा एवं व्रत-विधान

छठ पूजा षष्ठी पर्व- महत्त्व कथा एवं व्रत-विधान हिंदू पंचाग के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठी मैया का पर्व महाछठ मनाया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार छठी मइया भगवान …

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Dharmraj Ji Featured

श्री धर्मराज (यमराज) जी की आरती|Yamraj Aarti-Dharmraj Aarti

श्री धर्मराज(यमराज) जी की आरती- Shri Yamraj Aarti Lyrics in Hindi आरती ॐ जय जय धर्म धुरन्धर ॐ जय जय धर्म धुरन्धर, जय लोकत्राता ।धर्मराज प्रभु तुम ही, हो हरिहर धाता ।।1।। जय देव दण्ड पाणिधर …

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Story Karma Of Past Life Determines Relations In Current Life Feat2

पूर्वजन्म कृत कर्म का फल कैसे मिलता है?

पूर्वजन्म कृत कर्म वर्तमान में पारस्परिक व्यवहार निश्चित करते हैं काशी में एक विद्वान ज्योतिषी रहते थे । एक दिन काशी नरेश अपनी कोई समस्या लेकर उनके घर पर पहुँचे । ज्योतिषी कहीं बाहर गये थे …

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धर्मो रक्षति रक्षितः