कबिरा चिंता क्या करु, चिंता से क्या होय
मेरी चिंता हरि करै, चिंता मोहि ना कोय।
kabira chinta kya karu , chinta se kya hoye
Meri chinta Hari karai ,chinta mohi na koye .
अर्थ: कबीर क्यों चिंता करै? चिंता से क्या होगा? मेरी चिंता प्रभु करते हैं। मुझे किसी तरह की कोई चिंता नहीं है।
Meaning: Why should Kabir worry ,what good it is to worry. God worries for me ,I do not have any worry .
जाके दिल मे हरि बसै, सो जन कलपै काहि
एक ही लहरि समुद्र की, दुख दारिद बहि जाहि।
Jake dil me Hari basai so jan kalpai kahi
Ekai lahari samudra ki , dukh darid bahi jahi .
अर्थ: कोई व्यक्ति क्यों दुखी होवे या रोये यदि उसके हृदय मे प्रभु का निवास है।समुद्र के एक हीं लहर से व्यक्ति के सारे दुख एंव दरिद्रता बह जायेगें।
Meaning: Why should the man weep when the God resides in his heart. Only one tide of the sea will sweep all poverty and pain .
ऐसा कोन अभागिया जो बिस्वासे और
राम बिना पग धारन कु, कहो कहां है ठौर।
Aisa kaun abhagiya jo biswase aur
Ram bina pag dharan ku,kaho kaha hai thaur .
अर्थ: जो व्यक्ति प्रभु के अतिरिक्त कहीं अन्यत्र विश्वास करता है-वह अभागा है। राम के अतिरिक्त पैर रखने की कहीं जगह नहीं मिल सकती है।
Meaning: Who is that unfortunate who believes in anything but God. There is no place to keep your feet except what has been given by Ram .
हरिजन गांठ ना बान्धिये उदर समाना लेय
आगे पीछे हरि खरे जो मांगे सो देय।
Harijan ganth na bandhiye udar samana leye
Aage pitchhe Hari khare jo mange so deye .
अर्थ: प्रभु का भक्त संग्रह करने हेतु कुछ भी नहीं लेता है। वह मात्र पेट भर खाने की याचना करता है। ईश्वर सदा उसके पीछे खड़े रहते है तथा भक्त जो भी मांगता है-प्रभु उसे पूरा करते हैं।
Meaning: The devotee does not store, he takes only to fill the belly. The God is standing in front and back and gives whatever he demands .
अब तु काहे को डरै सिर पर हरि का हाथ
हस्ति चढ़ा कर डोलिये, कूकर भूसे जु लाख।
Aab tu kahe ko darai sir par Hari ka hath
Hasti chadh kar doliye , kukar bhuse ju lakh .
अर्थ: अब तुम क्यों डरते हो जब हरि का हाथ तुम्हारे सिर पर है। तुम हाथी पर चढ़कर निर्मय भ्रमण करो भले हीं लाखों कुत्ते तुम्हारी निन्दा में भोंके।
Meaning: Why do you fear now, the hand of God is on your head. You roam on the elephant , let all the dogs bark on you .
आगे पीछे हरि खरा, आप समहारे भार
जन को दुखी क्यों करे, समरथ सिरजन हार।
Aage pitchhe Hari khara , aap samhare bhar.
Jan ko dukhi kyo kare , samrath srijanhar .
अर्थ: भगवान भक्त के आगे पीछे खड़े रहते हैं। वे स्वंय भक्त का भार अपने उपर ले लेते हैं। वे किसी भक्त को दुखी नहीं करना चाहते क्योंकि वे सर्व शक्तिमान हैं।
Meaning: God is standing in your front and back. He takes the burden upon him. Why should he trouble others , when the God is Almighty
बिस्वासी हवै हरि भजय, लोहा कंचन होय
राम भजे अनुराग से, हरख सोक नहि दोय।
Biswasi hawai Hari bhajay , loha kanchan hoye
Ram bhajay anurag se , harakh shok nahi doye .
अर्थ: राम का भजन विश्वास पूर्वक करों-लोहा भी सोना हो जायेगा। यदि राम का भजन प्रेम पूर्वक किया जाये तो हर्ष और शोक दोनो कभी नहीं हो सकते। लोहा से सोना का तात्पर्य व्यक्ति का परिष्कार है।
Meaning: Iron becomes gold if God is prayed faithfully. Worship Ram with love , pleasure and pain both will disappear .
राम नाम की लौ लगी, जग से दूर रहाय
मोहि भरोसा इस्ट का, बंदा नरक ना जाय।
Ram nam ki law lagi , jag se door rahaye
Mohi bharosa Ist ka, banda narak na jaye .
अर्थ: जो राम से आकर्षित हो जाता है वह सांसारिक इच्छाओं से दूर हो जाता है। कबीर को विश्वास है कि अपने इष्ट-भगवान के कारण अब वह नरक नहीं जायेगा।
Meaning: I have the attachment with the name of Ram , I am far from the worldly desires . I have the trust of God that I will not go to hell now .
राम किया सोई हुआ, राम करै सो होय
राम करै सो होऐगा, काहे कलपै कोय।
Ram kiya soi hua , Ram karai so hoye
Ram karai so hoyega , kahe kalpau koye .
अर्थ: ईश्वर ने जो पूर्व में किया वहीं हुआ। राम जो कर रहे है-वहीं हो रहा हैं। प्रभु जो भविष्य में करेंगे -वहीं होगा। तो फिर कोई क्यों रोता कलपता है।
Meaning: Whatever Ram did has happened , whatever Ram is doing is happening. Whatever Ram will do will happen , why is anybody weeping .
राखनहारा राम है, जाय जंगल मे बैठ
हरि कोपै नहि उबरै सात पताले पैठ।
Rakhanhara Ram hai , jaye jungal me baith
Hari kopai nahi ubrai sat patale paith .
अर्थ: यदि कोई जंगल में है तब भी भगवान उस की रक्षा करते हैं पर भगवान यदि किसी पर कुपित हो तो सात तह पाताल लोक में भी उसकी कोई रक्षा नहीं कर सकता।
Meaning: If Ram is the protector , he will protect sitting in the forest. If God is angry then none can save even if he is in under seven worlds.
मुरदे को भी देत है कपड़ा पानी आग
जीवत नर चिंता करै, ताका बड़ा अभाग।
Murde ko bhi det hai kapra pani aag
Jibat nar chinta karai , taka bara abhag .
अर्थ: ईश्वर मुर्दा के लिये भी कफन कपड़ा,पानी और आग का इंतजाम कर देता है। अतः जीवित मनुष्य का दुर्भाग्य है कि वह अपने जीवन यापन की चिंता करता है।
Meaning: Dead is also being given coffin water and fire. A living body is worrying for anything is most unfortunate .
मेरी चिंता हरि करै क्या करु मै चिंत
हरि को चित्यो हरि करै, ता पर रहु निहचिंत।
Meri chintyo Hari karai kya karun mai chint
Hari ko chityo Hari kare , ta par rahu nihchint .
अर्थ: मेरे लिये प्रभु चिंता करते हैं। मुझे चिंता करने की जरुत नहीं है। जो ईश्वर का निरतंन चिन्तन करता है-प्रभु अपने जीवों की चिंता स्वयं करते है।
Meaning: God worries for me ,why should I worry for anything. I trust that remembrance of God will grant me freedom from worries.
जो संचा बिस्वास है, तो दुख क्यों न जाय
कहै कबीर विचारि के तन मन देहि जराय।
Jo sancha biswas hai ,to dukh kyon na jaye
Kahai Kabir vichari ke , tan man dehi jaraye .
अर्थ: यदि ह्दय में परमात्मा के प्रति सच्चा विश्वास हापे तो सभी दुखों का अंत हो जाता है। कबीर का विचार है कि ईश्वर भक्तों के हृदय के पास एंव दुखाों को भस्म कर देते हैं।
Meaning: If there is true belief then all grief will vanish. Kabir says God will burn his vices and pain .
चिंता छोरि अचिंत रह देनहार समरथ
पसु पखेरु जन्तु जीव, तिन के गंथि ना हाथ।
Chinta chhori aachint rah denhar samrath
Pasu pakheru jantu jeev , tin ke ganthi na hath .
अर्थ: चिंता मत करो निश्चिंत रहो, देने वाले ईश्वर सामर्थयवान है। पशु,पक्षी,जीव,जंतु के पास न तो कोई गांठ है ओर न ही हाथ। ईश्वर सबका पालनहार हैं।
Meaning: Leave all worries, remain worry less .The giver is all capable. Animals birds and all living creatures do not have purse or hand .
काहे को तलफत फिरै, काहे पाबै दुख
पहिले रिजक बनाय के, पीछे दिनो दुख।
Kahe ko talfat firay , kahe pabai dukh
Pahile rijak banay ke , pitchhe dino bhukh .
अर्थ: क्यों तुम तरपते फिरहे हो? क्यों तुम दुख पा रहे हो? ईश्वर ने पहले भोजन एंव जीवन यापन का साधन वनाया है तब भूख का सृजन किया है।
Meaning: Why are you roaming perplexed, why are you unhappy. God has made food and living first ,later created hunger.
पौ फटी पगरा भया, जगै जीव जून
सब काहु को देत है, चोंच समाना चून।
Pau fati pagra bhaya , jagai jiva jun
Sab kahu ko det hai ,chonch samana choon .
अर्थ: अंधकार मिटा और प्रकाश हुआ। सभी प्राणी जग गये। प्रभु सभी जीव जंतुओं को चोंच के सक्षम भोजन देता है तो किस बात की चिंता करते हो।
Meaning: Darkness disappeared light has come and all living beings awaken. When God grants food before the beaks to all the beings then why to worry.
कबीर या जग आये के, किये बहूत जो मीत
जिन दिल बंधा ऐक सो, सो सुख सोबै निसचिंत।
Kabir ya jug aaye ke , kiye bahut jo meet
Jin dil bandha ek so , so sukh sobai nischint .
अर्थ: कबीर का कहना है कि इस संसार में जन्म लेने के बाद अनेकों मित्र बनाये। यदि केवल एक परमात्मा से दिल को बांध लेते तो निश्चिंत हो कर सोते।
Meaning: After coming to the world , have made many friends. Had one has tied his heart with just one God, he would have found peace.
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