कबीर दास के 10 दोहे | Kabir Das Ke Dohe
कबीर दास के दोहे (Kabir Das Ke Dohe) कबीर गुरु की भक्ति बिन, धिक जीवन संसार ।धुंवा का सा धौरहरा, बिनसत लगे न बार ।।1 अर्थ: संत कबीर जी कहते हैं कि गुरु की भक्ति के …
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