राघवयादवीयम्-अनुलोम विलोम काव्य
क्या ऐसा संभव है कि जब आप किताब को सीधा पढ़े तो रामायण की कथा पढ़ी जाए और जब उसी किताब में लिखे शब्दों को उल्टा करके पढ़े तो कृष्ण भागवत की कथा सुनाई दे। कांचीपुरम …
राघवयादवीयम्-अनुलोम विलोम काव्य Read MoreBringing you closer to Hindu Indian roots
धर्म एवं परम्परा
क्या ऐसा संभव है कि जब आप किताब को सीधा पढ़े तो रामायण की कथा पढ़ी जाए और जब उसी किताब में लिखे शब्दों को उल्टा करके पढ़े तो कृष्ण भागवत की कथा सुनाई दे। कांचीपुरम …
राघवयादवीयम्-अनुलोम विलोम काव्य Read Moreनिशुम्भ-शुम्भ मर्दिनीं, प्रचन्ड मुन्ड खन्डिनीं ।वने रणे प्रकशिनीं, भजामि विन्ध्यवासिनीम् ॥ त्रिशुल – मुन्डधारिणीं, धराविघाहारिणीम्।गृहे – गृहे निवासिनीं, भजामि विन्ध्यवासिनीम्॥ दरिद्र्थ – दुःख हारिणीं, सदा विभूतिकारिणीम्।वियोगशोक – हारिणीं, भजामि विन्ध्यवासिनीम्॥ लसत्सुलोत – लोचनीं, जने सदा वरप्रदाम्।कपाल …
श्री विन्ध्येश्वरीस्तोत्रं Read Moreभगवान श्री राम और हनुमान जी की पूजा करने से पहले उनका ध्यान मंत्र बोलकर मन में ध्यान करना सबसे आवश्यक है। ध्यान से ही पूजा प्रारम्भ होती है। इस पोस्ट में हम आपको भगवान श्री …
श्री राम हनुमान ध्यान मंत्र | Shri Ram, Hanuman Dhyan Mantra Read More||ॐ श्री परमात्मने नमः|| __ ईश्वर का नाम ___ भजन तो एक परमात्मा का किया जाता है। परमात्मा के अनंत नाम हैं, सुबह से शाम तक रटते जाओ, आयुपर्यन्त रटते जाओ, किन्तु संपूर्ण नाम एक भी …
ईश्वर का नाम Read More।।मातृ देवो भव।। पितुरप्यधिका माता गर्भधारणपोषणात् । अतो हि त्रिषु लोकेषु नास्ति मातृसमो गुरुः॥ गर्भ को धारण करने और पालनपोषण करने के कारण माता का स्थान पिता से भी बढकर है। इसलिए तीनों लोकों में माता …
मातृ देवो भव -Matri Devo Bhav Read More धर्मो रक्षति रक्षितः