संतों पर कबीर के दोहे|Kabir Ke Dohe On Saints
कहे कबीर हम ब्याहि चले हैं, पुरुख एक अबिनासी। भावार्थ: कबीर एक अमर अविनासी पुरुष को अपना पति मानते हैं।...
कहे कबीर हम ब्याहि चले हैं, पुरुख एक अबिनासी। भावार्थ: कबीर एक अमर अविनासी पुरुष को अपना पति मानते हैं।...
जिनमे जितनी बुद्धि है, तितनो देत बतायवाको बुरा ना मानिये, और कहां से लाय। jinme jitni budhi hai,titno det bataiWake...
जहां काम तहां नाम नहीं,जहां नाम नहि कामदोनो कबहू ना मिलैय रवि रजनी एक ठाम। Jahan kaam tahan naam nahi,...
भक्ति महल बहुत उॅच है दूरैहि ते दर्शायजो कोइ जन भक्ति करै शोभा बरनि ना जाई। Bhakti mahal bahut unch...
सुमिरन मारग सहज का,सदगुरु दिया बताईसांस सांस सुमिरन करु,ऐक दिन मिलसी आये। Sumiran marag sahaj ka, satguru diya bataiSans sans...