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श्री सरस्वती माता की आरती-2| ॐ जय वीणे वाली

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Saraswati Mata Ki Aarti Lyrics in Hindi-2| Om Jai Veene Wali

प्रस्तुत है सरस्वती माता की सुमधुर आरती। माँ सरस्वती का एक नाम माँ शारदा भी है। इस आरती में माँ के इसी नाम का प्रयोग किया गया है। नीचे दिए गए वीडियो में इस मां शारदा आरती को सुनना न भूलें।

ॐ जय वीणे वाली, मैया जय वीणे वाली
ऋद्धि-सिद्धि की रहती, हाथ तेरे ताली॥

ऋषि मुनियों की बुद्धि को, शुद्ध तू ही करती
स्वर्ण की भाँति शुद्ध, तू ही माँ करती॥ 1 ॥

ज्ञान पिता को देती, गगन शब्द से तू
विश्व को उत्पन्न करती, आदि शक्ति से तू॥ 2 ॥

हंस-वाहिनी दीज, भिक्षा दर्शन की
मेरे मन में केवल, इच्छा तेरे दर्शन की॥ 3 ॥

ज्योति जगा कर नित्य, यह आरती जो गावे
भवसागर के दुख में, गोता न कभी खावे॥ 4 ॥

।।इति श्री सरस्वती माता जी आरती समाप्त।।


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Saraswati Mata Ki Aarti in English Text| Om Jai Veene Wali

Om Jai Veene wali, Maiya jai Veene wali।
Riddhi-siddhi ki rahati, haath tere taali॥

Rishi muniyon ki buddhi ko, shuddh tu hi karati।
Swarn ki bhaanti shuddh, tu hi Maa karati॥1 ॥

Gyaan pita ko deti, Gagan shabd se tu।
Vishv ko utpann karati, Aadi shakti se tu॥2॥

Hans-vaahini deej, bhiksha darshan ki।
Mere man mein keval, ichchha tere darshan ki॥3॥

Jyoti jaga kar nity, Yah aarati jo gaave।
Bhavasaagar ke dukh mein, gota na kabhi khaave॥4॥

।।Thus Shri Saraswati Mata Aarti Ends।।

Mata Saraswati divya roop
माता सरस्वती की दिव्य छवि

माता सरस्वती की आरती यूट्यूब पर सुनिए

सरस्वती माता की आरती का प्रभाव| Saraswati Mata Aarti Benefits in Hindi

सरस्वती माता की आरती के नियमित आरती पाठ से मन को शांति मिलती है, बुद्धि, विवेक ,चातुर्य का विकास होता है । और आपके जीवन से नकारात्मकता नष्ट होती है। बाधायें दूर होती हैं और आप बुद्धिमान, स्वस्थ, धनवान, समृद्ध और सम्मान को प्राप्त करते हैं। नियमित आरती के प्रभाव से देवी माँ सरस्वती प्रसन्न होती हैं और मनोकांक्षा को पूर्ण करने में सहायक होती हैं।

सरस्वती माता की आरती का महत्व| Saraswati Mata Aarti Importance in Hindi

सरस्वती माता की आरती वंदना के समय माँ साक्षात उपस्थित होती हैं और भक्तों की प्रार्थना को सुनती हैं। अतएव आरती के समय उच्छृंखलता का त्याग करके , पूरे मन से , भक्ति भाव से माता सरस्वती की आरती गायें। इससे माता प्रसन्न होकर शीघ्र आपके कर्म बंधन को काटकर आपके प्रगति का मार्ग प्रशस्त करेंगी। आरती खूब मन से, संगीत व वाद्य यंत्रो की ध्वनि के साथ गाना चाहिए।

सरस्वती माता की आरती कब करें| When To Do Saraswati Mata Aarti in Hindi

सरस्वती माता की आरती का पाठ माँ की किसी भी पूजा के उपरांत किया जाता है। फिर भी आरती का विधान तीनो संध्याओं में अर्थात सुबह , दोपहर – मध्यान्ह और संध्या में करने का है। श्रद्धा के अनुसार उपरोक्त किन्ही भी अवसरों पर आप सरस्वती माता की आरती कर सकते हैं। अन्य विशेष अवसर जैसे सरस्वती पूजा माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी​ तिथि को वसंत पंचमी का पर्व पर आयोजित की जाती है। इस अवसर पर भी पूजा के उपरांत सरस्वती माता की आरती गायी जाती है।

माता सरस्वती के बारे में और पढ़ें

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