एक ब्राह्मण कई दिनों से एक यज्ञ कर रहा था, किन्तु उसे सफलता नहीं मिल रही थी । राजा विक्रमादित्य वहां से गुजरे। ब्राह्मण का उतरा हुआ चेहरा देखकर पूछा -” ब्राह्मण देव! क्या बात है?आप इतने उदास क्यों हो?”
ब्राह्मण ने कहा ” मैं इतने दिनों से यज्ञ कर रहा हूं पर मुझे अभी तक अग्नि देवता के दर्शन नहीं हुए।”
विक्रमादित्य ने कहा-” यज्ञ ऐसे थोड़े ही किया जाता है।”
ब्राह्मण-” तो कैसे किया जाता है?”
विक्रमादित्य ने म्यान से तलवार निकाली और संकल्प किया कि” यदि आज शाम तक अग्निदेव प्रकट नहीं हुए तो इसी तलवार से अपने मस्तक की आहूति दे दूंगा।”
विक्रमादित्य ने कुछ आहूतियां हीं दीं और अग्निदेव ने प्रकट होकर कहा ” वर मांगो ।”
विक्रमादित्य ने कहा ” इन ब्राह्मण देवता की इच्छा पूर्ण करें,देव!”
तब ब्राह्मण ने पूछा -” हे अग्निदेव! मैंने कितने प्रयत्न किए आप प्रगट नहीं हुए। राजा ने जरा सी आहूतियां दीं,आप प्रकट हो गए।यह कैसे?”
अग्निदेव ने कहा-” राजा ने जो किया दृढ़ता और लगन से किया। दृढ़ता और लगनपूर्वक किया गया कार्य जल्दी परिणाम लाता है।
*”इसलिए किसी भी कर्म को करने से पहले दृढ़ संकल्प होना चाहिए ताकि वांछित परिणाम मिले।”*
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