भगवान राम जब अपनी भार्या सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अपना वनवास काट रहे थे,तब लंका नगरी के राक्षस राजा रावण नें देवी सीता का छल से हरण किया था और वह उन्हे बंदी बना कर जबरन समुद्र पार लंका नगरी ले गया था। माँ सीता को मुक्त कराने श्री राम लक्षमण, हनुमान, जांबवान, विभीषण और अपने मित्र सुग्रीव, तथा उसकी सेना सहित समुद्र तट पर पहुंचे थे, ताकि समुद्र पार कर के रावण से युद्ध कर के देवी सीता को मुक्त कराया जा सके।
उस महान कल्याणकारी युद्ध पर जाने से पहले श्री राम नें समुद्र पर नौ दिन तक माँ दुर्गा की पूजा की थी। और उन से विजय प्राप्ति के लिए आशीष ले कर दसवें दिन युद्ध के लिए प्रस्थान किया था। दुर्गा माता के आशीर्वाद से श्री राम नें रावण को परास्त कर के यमलोक भेज दिया और देवी सीता को लंका से बंधनमुक्त कराया।
माँ दुर्गा की पूजा का विशेष महत्व है। पापीयों का नाश करने वाली माँ अपने भक्तों के प्रति करुणा भी रखती हैं। भक्तगण दुर्गा माँ की पूजा अर्चना कर के, उनका व्रत रख के अपने जीवन में सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। दुर्गाष्ट्मि के पावन दिन पर देश के विभिन्न क्षेत्रों में माँ की पूजा कर के उन्हे भोग लगा कर भक्तों में प्रसाद बाटा जाता है।
अधरों पर मुस्कान, भक्ति से भर दो मन को।
हो जग का कल्याण, शक्ति से भर दो जन को।
दशरथ नंदन ने दिया शक्ति शील का दान
वही धर्म की राह पर हुआ सदा गतिमान
!! जय माता दी !! !! जय श्री राम !!
Dibhu.com is committed for quality content on Hinduism and Divya Bhumi Bharat. If you like our efforts please continue visiting and supporting us more often.😀
Tip us if you find our content helpful,
Companies, individuals, and direct publishers can place their ads here at reasonable rates for months, quarters, or years.contact-bizpalventures@gmail.com