भोजपुरी मुहावरा – बिलारी से पूड़ी पोवाना (Bilari se poodi Povana)
भोजपुरी मुहावरों की श्रेणी में हम आज फिर एक मजेदार मुहावरा ले के आये हैं। आज का मुहावरा है बिलारी से पूड़ी पोवाना
बिलार से पूड़ी पोवाना-मुहावरा कहाँ प्रयोग होता है
यह मुहावरा पूर्वी उत्तर प्रदेश के वाराणसी, मिर्ज़ापुर, भदोही और उसके आस पास के क्षेत्रों में सुनने को मिलता है। यह एक प्रकार का व्यंग (Satire) है ।
बिलारी से पूड़ी पोवाना-मुहावरे का अर्थ
इसका मुख्य भावार्थ है की किसी कार्य के लिए अयोग्य व्यक्ति को चुनना।
आइये समझते हैं:
- बिलार या बिलारी शब्द मतलब है बिल्ली
- पूड़ी वही है जो आप और हम बड़े चाव से खाते हैं
- पोवना शब्द पकाने को इंगित करता है
इस प्रकार पूरे मुहावरे का अर्थ ‘बिल्ली से पूड़ियाँ पकवाना’ हुआ। कहीं-कहीं ‘बिलारी से पूड़ी पोवाना’ की जगह ‘बिलार से पूड़ी छनवाना’ भी प्रयोग होता है। अब बताइये भला बिल्ली कैसे पूड़ियाँ छानेगी। उसके बस की बात है ही नहीं। भले ही बिल्ली का अपनी दुनिया में कोई सानी नहीं है और शेर की भी मौसी कहलाती है लेकिन जो उसका कार्यक्षेत्र नहीं है उसमें उसका क्या जोर चलेगा। ऐसी दशा में काम तो बिगड़ेगा ही ही और जब काम बिगड़ेगा तो लोग यही कहेंगे की बिल्ली से पूड़ियाँ तलवाने चला था।
बिलारी से पूड़ी पोवाना-मुहावरे का उदाहरण
अब इससे एक उदाहरण से समझते हैं :
भोजपुरी- कृषि विभाग अधिकारी लेखा वाले (Accounts department person)से बिक्री ( Sales) करवावत रहलन लेकिन सब डूब गयल। अब बिलारी से पूड़ी पोवइहैं ता का होई।
खड़ी हिंदी में अनुवाद- कृषि विभाग अधिकारी ने लेखा वाले (Accounts department person) से बिक्री ( Sales) करवाना चाहा लेकिन सब डूब गया। अब बिलारी से पूड़ी छानवाएँगे तो क्या होगा।
ऊपर हिंदी में अर्थ बताया गया है हालाँकि यह मुहावरा अधिकतर गावों में ही सुनने को मिलता है शहरी हिंदी में इसका प्रयोग न के बराबर होता है।
एक गाँव का उदाहरण-
छोटे बच्चे को दादी ने मिटटी की छोटी मटकी रसोई से लाने को कहा। बालक छोटा होने के कारण घर की ड्योढ़ी पर गिर गया और मटकी फूट गयी। यह देखकर दादा ने दादी की चुटकी ली और कहा , “अब बिलारी से पूड़ी पोवाइबू ता का होइ।”
कुछ इसी प्रकार के मजेदार अनुभव को याद करके आज मुझे इस मुहावरे की याद आयी।
बिलार से पूड़ी पोवाना-भोजपुरी मुहावरा
भोजपुरी मुहावरा – बिलार से पूड़ी पोवाना
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