विविध राग और उनके सुनने से मिलनेवाले फायदे|Different Ragas And Their Effects
भारतीय शास्त्रीय संगीत के विविध राग और उनके सुनने से मिलनेवाले फायदे


- राग दुर्गा – आत्मविश्वास बढानेवाला
- राग यमन – कार्यशक्ती बढानेवाला
- राग देसकार – उत्थान व संतुलन साधनेवाला
- राग बिलावल – अध्यात्मिक उन्नती व संतुलन साधनेवाला
- राग हंसध्वनी – सत्य असत्य को परिभाषित करनेवाला राग
- राग शाम कल्याण – मुलाधार उत्तेजीत करनेवाला और आत्मविश्वास बढानेवाला
- राग हमीर – आक्रमकता बढानेवाला, यश देगा व शक्ती और उर्जा निर्माण करनेवाला
- राग केदार – स्वकर्तृत्वपर पूर्ण विश्वास निर्माण भरपूर उर्जा निर्माण करनेवाला और मुलाधार उत्तेजित करनेवाला
- राग भूप – शांतता निर्माण संतुलन साधकर अहंकार मिटाता है
- राग अहिरभैरव – शुद्ध इच्छा प्रेम एवं भक्तीभाव निर्माण करता है व आध्यात्मिक उन्नतीस पोषक वातावरण निर्मित करके समाधान देगा
- राग भैरवी – इडा नाडी सशक्त करता है, भावनाप्रधान राग सर्व सदिच्छा पूर्णकरके प्रेम वृध्दि करेगा।
- राग मालकंस – अतिशय शांत – मधुर राग प्रेमभाव निर्माण करता है व संसारिक सुख वृध्दिंगत करेगा।
- राग भैरव – शांत वृत्ती व शुध्द इच्छा निर्माण करता है आध्यात्मिक प्रगतीके लिये पोषक एवं शिवतत्व जाग्रुत करनेवाला राग है।
- राग जयजयवंती – सुख समृद्धि देनोनाला राग यश दायक है। विशुद्धीकीसभी समस्या दूर करनेकी क्षमता रखता है।
- राग भिम पलासी – संसार सुख व प्रेम देता है।
- राग सारंग – कल्पना शक्ती व कार्यकुशलता बढाकर नवनिर्मिती ज्ञान प्रदान करता है आत्मविश्वास बढाकर परिस्थिती का ग्यान देता है। अत्यंत मधुर राग।
- राग गौरी – शुध्द ईच्छा, मर्यादाशिलता, प्रेम, समाधान, उत्थान इत्यादी गुणवर्धक राग
भारतीय शास्त्रीय संगीत को आज कल लोग बहुत बोझिल समझते हैं और इसे सुनने में बहुत रूचि नही दिखाते। बहुत कम लोगों को ये ज्ञात है कि हमारे शास्त्रीय संगीत के विभिन्न राग कई तरह के फ़ायदे दिलाते हैं। इस पोस्ट में विभिन्न तरह के राग और उनसे होंने वाले फ़ायदों का ज़िक्र किया गया है।
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