कबीर के दोहे नारी पर|Kabir Ke Dohe On Women
कपास बिनुथा कापड़ा, कादे सुरंग ना पायेकबीर त्यागो ज्ञान करि, कनक कामिनि दोये। Kapas binutha kapra, kaade surang na payeKabir tyago gyan kari, kanak kamini doye. भावार्थ: जिस प्रकार गंदे कपास से सुन्दर वस्त्र नहीं बन …
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