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श्री नर्मदा माता जी की आरती-2

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श्री नर्मदा माता जी की आरती-2

आरती जय नर्मदा भवानी

जय नर्मदा भवानी
निकसी जल धारा जोर पर्वत पाताल फोर॥

छटा छवि आनन्द बरन कवि सुर फनिन्द
काउत जम द्वन्द फन्द देत रजधानी॥

भूषण वस्त्र शुभ विशाल चन्दन को खीर
भाल मनो रवी पर्वतकाल तेज ओ बखानी

देत मुक्ति परमधाम गावत जो आठों याम
दुविधा जात महाकाम ध्यावत जो प्राणी॥


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ध्यावत आज युर सुरेश पावत नही पार
गावत नारद गणेश पण्डित मुनि ज्ञानी॥

संयम सागर मझधार में जल उदधि अंहकारी
उदर फार निकार धार ऊपर नित छहरानी॥

अष्ट भूजा बाल अखण्ड नव द्वीप
नौ खण्ड महिमा मात तुम जानी॥

देके दर्शन प्रसाद राखो माता मर्यादा
दास गंगे करे आरती वेद मति बखानी

।।इति श्री नर्मदा माताआरती समाप्त।।

Shri Narmada Arati in English Text

Jay Narmada Bhavaani
Nikasi jal dhaara jor parvat paataal phor

Chhaṭa chhavi ananda baran kavi sura faninda
Kaaut jama dvanda fanda deta rajadhaani

Bhooshan vastr shubh vishaal chandan ko kheer
Bhaal mano ravee parvatakaal tej o bakhaani

Det mukti paramadhaam gaavat jo aathon yaam
Duvidha jaat mahaakaam dhyaavat jo praani

Dhyaavat aaj yur suresh paavat nahi paar
Gaavat Naarad Ganesh pandit muni gyaani

Sanyam saagar majhadhaar mein jal udadhi anhakaari
Udar faar nikaar dhaar oopar nit chhaharaani

Asht bhooja baal akhand nav dveep
Nau khand mahima Maat tum jaani

Deke darshan prasaad raakho maata maryaada
Daas Gange kare aarati ved mati bakhaani

।।Thus Shri Narmada Mata Arati Ends।।

नर्मदा का उद्गम स्थल अमरकण्टक में  है। अमरकंटक का कोटि तीर्थ के नाम से वर्णन स्कंद पुराण में मिलता है जिसका अर्थ है कि करोड़ो तीर्थो के बराबर एक तीर्थ । कोटितीर्थ में दो कुंड बने है जिसका निर्माण रेवा नायक नामक व्यक्ति ने करवाया था जिसका बाद में नागपुर के भोसले ने जीर्णोध्दार कराया । नर्मदा नदी इसी कुंड से निकलती है । जिस स्थान से नर्मदा नदी का उद्गम होता है वहाँ एक नर्मदा मंदिर का निर्माण किया गया जिसके अंदर शिवलिंग स्थापित है और इस शिवलिंग को नर्मदेश्वर महादेव कहते है । नर्मदा का एक और नाम है शांकरी क्योंकि नर्मदा को भगवान शिव की पुत्री कहा जाता है । इस कुंड के आसपास कुल मिलाकर 24 मंदिर है जिसमें विभिन्न देवी देवताओं की प्राचीन प्रतिमायें स्थापित की गई है
Narmada Devi Origin Temple

1.चालीसा संग्रह -९०+ चालीसायें
2.आरती संग्रह -१००+ आरतियाँ

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