भगवान श्री शिव जी की आरती–5
आरती जयति जयति जग-निवास, शंकर सुखकारी
जयति जयति जग-निवास, शंकर सुखकारी ॥
अजर अमर अज अरूप, सत चित आनंदरूप,
व्यापक ब्रह्मस्वरूप, भव! भव-भय-हारी ॥
जयति जयति जग-निवास, शंकर सुखकारी ॥
शोभित बिधुबाल भाल, सुरसरिमय जटाजाल,
तीन नयन अति विशाल, मदन-दहन-कारी ॥
जयति जयति जग-निवास, शंकर सुखकारी ॥
भक्तहेतु धरत शूल, करत कठिन शूल फूल,
हियकी सब हरत हूल, अचल शान्तिकारी ॥
जयति जयति जग-निवास, शंकर सुखकारी ॥
अमल अरुण चरण कमल, सफल करत काम सकल,
भक्ति-मुक्ति देत विमल, माया-भ्रम-टारी ॥
जयति जयति जग-निवास, शंकर सुखकारी ॥
कार्तिकेययुत गणेश, हिमतनया सह महेश,
राजत कैलास-देश, अकल कलाधारी ॥
जयति जयति जग-निवास, शंकर सुखकारी ॥
भूषण तन भूति व्याल, मुण्डमाल कर कपाल,
सिंह-चर्म हस्ति खाल, डमरू कर धारी ॥
जयति जयति जग-निवास, शंकर सुखकारी ॥
अशरण जन नित्य शरण, आशुतोष आर्तिहरण,
सब बिधि कल्याण-करण, जय जय त्रिपुरारी ॥
जयति जयति जग-निवास, शंकर सुखकारी ॥
।।इति श्री शिव जी की आरती समाप्त।।
1.श्री शिव जी की आरती-1: ॐ जय शिव ओंकारा
2.श्री शिव जी की आरती-2: हर हर हर महादेव
3.श्री शिव जी की आरती-3: शीश गंग अर्धंग पार्वती
4.श्री शिव जी की आरती-4:आरती भगवान श्री भोलेनाथ जी
5.श्री शिव जी की आरती-5:जयति जयति जग-निवास
6.श्री शिव जी की आरती-6:ॐ जय गंगाधर जय हर गिरिजाधीशा
7.श्री शिव जी की आरती-7:आरती भगवान श्री शिवशंकर
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