श्री जाहर वीर गोगा जी चालीसा
श्री जाहर वीर गोगा जी चालीसा ॥दोहा॥ सुवन केहरी जेवर सुत महाबली रनधीर । ।बंदौ सुत रानी बाछला विपत निवारण वीर । ।जय जय जय चौहान वंश गूगा वीर अनूप । ।अनंगपाल को जीतकर आप बने …
श्री जाहर वीर गोगा जी चालीसा Read MoreBringing you closer to Hindu Indian roots
चालीसा संग्रह
श्री जाहर वीर गोगा जी चालीसा ॥दोहा॥ सुवन केहरी जेवर सुत महाबली रनधीर । ।बंदौ सुत रानी बाछला विपत निवारण वीर । ।जय जय जय चौहान वंश गूगा वीर अनूप । ।अनंगपाल को जीतकर आप बने …
श्री जाहर वीर गोगा जी चालीसा Read Moreश्री कृष्ण चालीसा-2 ॥दोहा॥ श्रीराधे अर्पित करुं,मानस के ये फूल।हे माधव तुमको भजृं,कीजे चरणन धूल।। ॥चौपाई॥ जय गिरधारी कुंज बिहारी। सारे जग का तू रखवारी ।।1रास रचैया जय बनवारी । हे मनमोहन कृष्ण मुरारी।।2 संतन रक्षक …
श्री कृष्ण चालीसा-2 Read Moreश्री बाबा गंगाराम चालीसा ॥दोहा॥ अलख निरंजन आप हैं , निरगुण सगुण हमेश ।नाना विधि अवतार धर , हरते जगत कलेश । । बाबा गंगारामजी , हुए विष्णु अवतार ।चमत्कार लख आपका , गूंज उठी जयकार …
श्री बाबा गंगाराम चालीसा Read Moreमाता श्री धरा चालीसा ॥दोहा॥ धरा धर्म हित कर्म कर,जीवन मनुज सुधार।संरक्षण भू का किए, भव जीवन आधार।। ॥चौपाई॥ प्रथम नमन करता हे गजमुख। वीणापाणी शारद मम सुख।।गुरु पद कमल नमन गौरीसा। आज लिखूँ धरती चालीसा।।१ …
श्री धरा चालीसा Read Moreरूप चतुर्भुज भूषित भूषण। वरद हस्त, मोचन भव दूषण।।
कंजारूण सम करतल सुन्दर। सुख समूह गुण मधुर समुन्दर।।
धर्मो रक्षति रक्षितः