श्री सूर्य चालीसा-2
श्री सूर्य चालीसा-2 ॥दोहा॥ श्री रवि हरत हो घोर तम, अगणित किरण पसारी।वंदन करू तब चरणन में, अर्ध्य देऊ जल...
चालीसा संग्रह
श्री सूर्य चालीसा-2 ॥दोहा॥ श्री रवि हरत हो घोर तम, अगणित किरण पसारी।वंदन करू तब चरणन में, अर्ध्य देऊ जल...
श्री विश्वकर्मा जी चालीसा-2 ॥दोहा॥ विनय करौं कर जोड़कर,मन वचन कर्म संभारि।मोर मनोरथ पूर्ण कर,विश्वकर्मा दुष्टारि॥ ॥चौपाई॥ विश्वकर्मा तव नाम...
॥ दोहा ॥ गरुड़ वाहिनी वैष्णवी त्रिकुटा पर्वत धामकाली, लक्ष्मी, सरस्वती, शक्ति तुम्हें प्रणाम ॥ चौपाई ॥ नमो: नमो: वैष्णो...
भगवान श्री गोपाल चालीसा ॥दोहा॥ श्री राधापद कमल रज,सिर धरि यमुना कूल।वरणो चालीसा सरस,सकल सुमंगल मूल॥ ॥चौपाई॥ जय जय पूरण...
श्री ललिता माता चालीसा ॥ चौपाई ॥ जयति-जयति जय ललिते माता। तव गुण महिमा है विख्याता।।तू सुन्दरी, त्रिपुरेश्वरी देवी। सुर...