
श्री सूर्य जी की आरती-3
भगवान श्री सूर्य देव जी की आरती–3 आरती जय जय जय रविदेव जय जय जय रविदेव, जय जय जय रविदेव ।रजनीपति मदहारी, शतलद जीवन दाता ॥ पटपद मन मदुकारी, हे दिनमण दाता ।जग के हे रविदेव, जय …
श्री सूर्य जी की आरती-3 Read MoreBringing you closer to Hindu Indian roots
भगवान श्री सूर्य देव जी की आरती–3 आरती जय जय जय रविदेव जय जय जय रविदेव, जय जय जय रविदेव ।रजनीपति मदहारी, शतलद जीवन दाता ॥ पटपद मन मदुकारी, हे दिनमण दाता ।जग के हे रविदेव, जय …
श्री सूर्य जी की आरती-3 Read Moreतंत्रपीठ विंध्याचल इस धाम की जो सबसे बड़ी विशेषता है, वह यह कि पर्वतमाला के अंचलों में श्रीयंत्र और लक्ष्मीयंत्र पर स्थापित विंध्याचल अनादिकाल से शक्ति की लीला स्थली रही है। पुराणों में इसे शक्तिपीठ,सिद्धपीठ और …
तंत्रपीठ विंध्याचल Read Moreभाई के लिए प्रेम कैसा हो ?- प्रभु श्री राम के उदाहरण से सीखें रामायण कथा का एक अंश: जिससे हमे सीख मिलती है “भ्रातृ प्रेम के आत्मीय अनुभूति ” की… प्रभु श्री राम, लक्ष्मण एवम् …
भाई के लिए प्रेम कैसा हो ?- प्रभु श्री राम के उदाहरण से सीखें Read Moreश्री कृष्ण चालीसा || दोहा || बंशी शोभित कर मधुर, नील जलद तन श्याम।अरुण अधर जनु बिम्बा फल, नयन कमल अभिराम॥पूर्ण इन्द्र, अरविन्द मुख, पिताम्बर शुभ साज।जय मनमोहन मदन छवि, कृष्णचन्द्र महाराज॥ ॥चौपाई॥ जय यदुनन्दन जय …
श्री कृष्ण चालीसा Read Moreश्री गणपति अथर्वशीर्ष ॐ नमस्ते गणपतये।त्वमेव प्रत्यक्षं तत्वमसित्वमेव केवलं कर्ताऽ सित्वमेव केवलं धर्ताऽसित्वमेव केवलं हर्ताऽसित्वमेव सर्वं खल्विदं ब्रह्मासित्व साक्षादात्माऽसि नित्यम्।।1।। अर्थ: ॐकारापति भगवान गणपति को नमस्कार है। हे गणेश! तुम्हीं प्रत्यक्ष तत्व हो। तुम्हीं केवल कर्ता …
गणपति वंदना-श्री गणपति अथर्वशीर्ष Read More