भाईदूज-यम द्वितीया की कथा
सूर्य की पत्नी संज्ञा की दो संतानें थीं। संज्ञा के पुत्र का नाम यमराज और पुत्री का नाम यमुना था। संज्ञा अपने पति सूर्य की तेज किरणों को सहन नहीं कर सकने के कारण उत्तरी ध्रुव …
भाईदूज-यम द्वितीया की कथा Read MoreBringing you closer to Hindu Indian roots
सूर्य की पत्नी संज्ञा की दो संतानें थीं। संज्ञा के पुत्र का नाम यमराज और पुत्री का नाम यमुना था। संज्ञा अपने पति सूर्य की तेज किरणों को सहन नहीं कर सकने के कारण उत्तरी ध्रुव …
भाईदूज-यम द्वितीया की कथा Read Moreजनक ने सीता स्वयंवर में अयोध्या नरेश दशरथ को आमंत्रण क्यों नहीं भेजा? * रामु अमित गुन सागर थाह कि पावइ कोइ। संतन्ह सन जस किछु सुनेउँ तुम्हहि सुनायउँ सोइ॥ भावार्थ:-श्री रामजी अपार गुणों के समुद्र …
जनक ने सीता स्वयंवर में अयोध्या नरेश दशरथ को आमंत्रण क्यों नहीं भेजा? Read Moreहनुमानजी बहुत ही जल्द प्रसन्न होने वाले देवता हैं। जाने
हनुमानजी के दस अद्भुत रहस्य।
रामायण की प्रेम-परिभाषा खगपति गरुड़ ने प्रश्न किया—हे कागभुसुण्डि! आप मुझे धर्म का वह सरल स्वरूप समझायें जिसका अनुसरण कर मैं भी जीवन-मुक्ति प्राप्त कर सकूँ। कागभुसुण्डि ने अपनी कथा प्रारम्भ की, अपना सारा जीवन वृत्तान्त …
रामायण की प्रेम-परिभाषा Read Moreकलिजुग सम जुग आन नहिं….. कलिजुग सम जुग आन नहिं जौं नर कर बिस्वास। गाइ राम गुन गन बिमल भव तर बिनहिं प्रयास॥ यदि मनुष्य विश्वास करे, तो कलियुग के समान दूसरा युग नहीं है, (क्योंकि) …
कलिजुग सम जुग आन नहिं…. Read More