श्री चन्द्र देव की आरती – (Chandrama ki Aarti) विभिन्न अवसरों पर गायी जाती है जैसे करवा चौथ पर रात्रि को व्रत की समाप्ति पर , चंद्रयान व्रत पर, गणेश चौथ , कलंक चतुर्थी (ढेलाहिया चौथ) और गणेश चतुर्थी पर , चन्द्रमा शांति पूजा पर आदि।
श्री चन्द्र देव की आरती – Chandrama ki aarti
ॐ जय सोम देवा, स्वामी जय सोम देवा ।
दुःख हरता सुख करता, जय आनन्दकारी ।
रजत सिंहासन राजत, ज्योति तेरी न्यारी ।
दीन दयाल दयानिधि, भव बन्धन हारी ।
जो कोई आरती तेरी, प्रेम सहित गावे ।
सकल मनोरथ दायक, निर्गुण सुखराशि ।
योगीजन हृदय में, तेरा ध्यान धरें ।
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव, सन्त करें सेवा ।
वेद पुराण बखानत, भय पातक हारी ।
प्रेमभाव से पूजें, सब जग के नारी ।
शरणागत प्रतिपालक, भक्तन हितकारी ।
धन सम्पत्ति और वैभव, सहजे सो पावे ।
विश्व चराचर पालक, ईश्वर अविनाशी ।
सब जग के नर नारी, पूजा पाठ करें ।
।।इति श्री चंद्र भगवान की आरती (Shri Chandra Dev Ki Aarti) समाप्त।।
बोलो श्री चंद्र भगवान की जय!
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