जब सरसों की फसल आशातीत अधिक हुई-चमत्कार कथा
जब सरसों की फसल आशातीत अधिक हुई-चमत्कार कथा
जय बाबा नीम करोली जी महाराज
प्रस्तुत घटना बाबा नीम करोली के उत्तरा प्रदेश स्थित पैतृक गांव अकबरपुर की है। स्थानीय निवासी श्याम सुंदर एक सुबह-सवेरे अपने खेत में सरसों बोने जा रहे थे। रास्ते में उन्हें श्री लक्ष्मी नारायण जी (बाबा नीम करोली जी का पिता प्रदत्त नाम ) मिले।
बाबा ने इन्हे टोका बोले, “क्या लेके जा रहा है”,
श्याम सुंदर जी ने सरसों के दाने निकालकर दिखाते हुये बोलै ,”बाबा ! इन्हे बोने जा रहा हूँ ।” बाबा ने उन दानों को तुरन्त अपने मुँह में डाल लिया और एक आध मिनट में बाहर निकाला तो दिखा कि उनमें चमत्कारिक ढंग से अंकुर प्रस्फुटित हो गये थे ।
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बाबा बोले “देख अंकुर उग आये हैं। बीज अच्छा है, फसल अच्छी होगी। “
श्याम सुंदर जी का कहना है कि उस वर्ष से पहले या बाद में कभी भी सरसों की फिर ऐसी फसल नहीं हुई। उनके अनुसार ये बाबा का ही चमत्कार था कि उस वर्ष आशातीत भरपूर फसल हुयी। बाबा जी ऐसे चमत्कार हमेशा ही कर दिया कृते थे।। उनके कृपा प्रसाद का पात्र बने लोग बाबा की छत्र छाया का गहे बगाहे लाभ उठाते ही रहते थे।
श्री राम जय राम जय राम जय जय राम