Join Adsterra Banner By Dibhu

हनुमान जी से धोखा-नारायण बाबा की कहानी: नीम करोली बाबा के संस्मरण

0
(0)

करीब 95 साल पहले की बात है । राजस्थान के अलवर इलाके में एक गडरिया भेड़ चराते हुए जंगल में चला गया । अचानक किसी ने उसे कहा कि यहाँ बकरियां चराना मना है ।बातों बातों में पता चला कि वो इलाके का तहसीलदार था । दोनों में बात होने लगी । पता चला कि बहुत कोशिश के बाद भी तहसीदार को बच्चे नहीं होते । गड़रिये ने उनसे कहा कि आप दौसा के बालाजी हनुमानजी के मंदिर जाकर बेटा मांग लो, मिल जायेगा ।

न जाने क्यों तहसीलदार ने उस गड़रिए की बात मान ली ।उन्होंने हनुमान जी से कहा कि अगर मेरा बेटा हो जायेगा तो मैं उसे यहीं इसी मंदिर में सेवा के लिए छोड़ जाऊंगा । इस बात का ज़िक्र उन्होंने अपनी पत्नी से भी नहीं किया । मन्नत मांगने के एक साल के अंदर उन्हें बेटा नसीब हो गया लेकिन बाप का प्यार अब आड़े आ गया । उन्होंने हनुमानजी से कहा कि मैं अपना वचन पूरा नहीं कर सकता।आपका ये ऋण मुझ पर रहेगा ।

वो बेटा बड़ा होने लगा । शिक्षा की उम्र तक आया तो पिताजी ने उसे हरिद्वार के एक बड़े विद्वान प्रभुदत्त ब्रह्मचारी जी के यहाँ पढ़ने भेज दिया । लड़के में अद्धभुत क्षमता थी उसे रामायण कंठस्थ थी । बिना पढ़े वो रामायण का पाठ करने लगा। उसकी ख्याति दूर दूर तक फ़ैल गयी और वो साधु सन्यासियों और बड़े बड़े उद्योगपतियों के घर रामायण पाठ करने लगा । जवान होने पर उसकी शादी भी हो गयी । एक दिन देश के बड़े उद्योगपति जुगल किशोर बिरला ने अखबार में विज्ञापन दिया कि दिल्ली के लक्ष्मी नारायण मंदिर यानी बिरला मंदिर में हनुमान जी को रामायण पढ़कर सुनानी है । उसके लिए उस व्यक्ति का टेस्ट खुद बिरला जी लेंगे । तय तारीख पर नारायण स्वामी अपनी पत्नी के साथ बिरला निवास पहुंच गए ! बहुत से और लोग भी बिरला जी को रामायण पढ़कर सुना रहे थे । जब नारायण बाबा का नंबर आया तो उन्होंने बिना रामायण हाथ में लिए पाठ शुरू दिया । बिरला जी के अनुग्रह पर नारायण ने हारमोनियम पर गाकर भी रामायण सुना दी ।

बिरला जी भाव विभोर हो गए । नौकरी पक्की हो गयी । सस्ते ज़माने में 350 रुपए की पगार, रहने के लिए बिरला मंदिर में एक कमरा और इस्तेमाल के लिए एक कार भी नारायण बाबा को दे दी गयी । जीवन बेहद सुकून और आराम का हो गया । रूपया पैसा, शौहरत और देश के सबसे बड़े उद्योगपति से नज़दीकियां ।

बिरला जी के एक गुरु थे नीम करोली बाबा । बेहद चमत्कारी संत थे वो । जैसे ही वो वृन्दावन से दिल्ली आये तो बिरला जी ने उन्हें प्रसन्न करने के लिए नारायण बाबा का एक रामायण पाठ रख दिया ।बिरला जी ने नीम करोली बाबा से कहा कि एक लड़का है जो रामायण गाकर सुनाता है । नीम करोली बाबा ने कहा कि मुझे भी उस लड़के से मिलना है ! जैसे ही नारायण बाबा कमरे में गये तो नीम करोली बाबा ने कहा कि तेरे बाप ने हनुमान जी से धोखा किया है । नारायण बाबा अपने पिता की खिलाफ कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थे लेकिन तय हुआ कि अगर नीम करोली बाबा की बात सच्ची है तो वो उन्हें गुरु रूप में स्वीकार कर लेंगे । तभी के तभी नारायण बाबा अलवर रवाना हो गए और अपने पिता से कहा कि एक संत आपको हनुमान जी का ऋणी बता रहा है और आपको धोखेबाज भी । नारायण बाबा के पिता ने कहा की वो संत हनुमान जी ही हो सकते हैं क्योंकि ये बात सिर्फ उन्हें ही पता है ।पिता की बात सुनकर नारायण बाबा वापस चले आये और नीम करोली बाबा को अपना गुरु स्वीकार कर लिया ।

नीम करोली बाबा ने आदेश दिया कि नारायण तेरा जनम हनुमान जी की सेवा के लिए हुआ है इसीलिए छोड़ लाला की नौकरी । गुरु आदेश मिलते ही नारायण बाबा ने नौकरी छोड़ दी और दिल्ली के मेहरौली इलाके में एक जंगल में एक गुप्त मंदिर में आश्रय लिया । बिरला मंदिर से निकल कर सांप, भूतों और एक अनजाने जंगल में हनुमान जी की सेवा शुरू कर दी । नीम करोली बाबा ने आदेश दिया कि किसी से एक रूपया भी नहीं लेना है और हर साल नवरात्रे में लोगों का भंडारा करना है ।

बड़ी अजीबोगरीब बात है कि एक पैसा भी किसी से नहीं लेना और हर साल हज़ारों लोगों को खाना भी खिलाना है लेकिन गुरु ने जो कह दिया वो पत्थर पर लकीर है । बिना सोच के उन्होंने अपना काम शुरू कर दिया ! नीम करोली बाबा ने बिरला से कहकर नारायण बाबा की पत्नी को घर चलाने के पैसे हर महीने दिलवा दिए लेकिन नारायण बाबा को पैसे से दूर रखा । 1969 से आज तक इस मंदिर से हर साल दो बार नवरात्रे में हज़ारों लोग भंडारा खाकर जाते हैं । किसी को आज तक इस मंदिर में पैसे चढ़ाते नहीं देखा गया लेकिन हाँ प्रसाद पाते सबको देखा है ।

नारायण बाबा आज 94 साल के हो गए हैं लेकिन गुरु सेवा में आज भी लगे हैं और चाहते हैं कि कम ही लोग उनसे मिलने आये । दिल्ली में घटने वाली ये एक रहस्यमयी और चमत्कारी घटना है।

जय श्री नीम करोली बाबा

फोटो… पूजनीय  नारायण बाबा (अभी उम्र 96 वर्ष)

फोटो… पूजनीय नारायण बाबा (अभी उम्र 96 वर्ष)
व्हाट्सएप 8535030915

Facebook Comments Box

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

We are sorry that this post was not useful for you!

Let us improve this post!

Tell us how we can improve this post?

Dibhu.com is committed for quality content on Hinduism and Divya Bhumi Bharat. If you like our efforts please continue visiting and supporting us more often.😀
Tip us if you find our content helpful,


Companies, individuals, and direct publishers can place their ads here at reasonable rates for months, quarters, or years.contact-bizpalventures@gmail.com


संकलित लेख

About संकलित लेख

View all posts by संकलित लेख →

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

धर्मो रक्षति रक्षितः