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संगति पर कबीर के दोहे|Kabir Ke Dohe On Company

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Table of Contents

ऐक घड़ी आधो घड़ी , आधो हुं सो आध
कबीर संगति साधु की, कटै कोटि अपराध।

Ek ghari aadho ghari,aadho hun so aadh
Kabir sangati sadhu ki,katai koti apradh.

भावार्थ: एक क्षण,आध क्षण, आधे का भी आधा क्षण के लिये यदि साधु संतों की संगति की जाये तो हमारे करोड़ों अपराध पाप नाश हो जाते है।

Meaning: One moment, even half of a moment ,even half of the half. Kabir says the company of saint,it omits the sin of crores.

उजल बुन्द आकाश की, परि गयी भुमि बिकार
माटी मिलि भई कीच सो बिन संगति भौउ छार।

Ujal bund aakash ki,pari gayee bhumi bikar
Mati mili bhaiyee kich so,bin sangati bhau chhar.


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भावार्थ: आकाश से गिरने वाली वर्षा की बूदें निर्मल और उज्जवल होती है किंतु जमीन पर गिरते ही गंदी हो जाती है। मिटृी में मिलकर वह कीचड़ हो जाती है। इसी तरह आदमी भी अच्छी संगाति के अभाव से बुरा हो जाता है।

Meaning: A drop from the sky is white but becomes dirty on the land. A man in a bad company becomes bad.

उंचे कुल का जनमिया करनी उॅच ना होय
कनक कलश मद सो भरी साधुन निन्दा सोय।

Unchey kul ka janmiya,karni unch na hoye
Kanak kalash mad so bhari,sadhun ninda soye.

भावार्थ: अच्छे कुल खानदान मे जन्म लेने का क्या लाभ यदि कत्र्तत्य अच्छे नहीं है। यदि सोने के कलश में मदिरा भरी हो तो भी एक संत उसकी निंदा ही करेंगे।

Meaning: Being born in a upper caste does not make one better. Even if a goldn pitcher is filled with intoxicant, a saint will speak ill of it.

कोयला भी होये उजल, जरि बरि है जो सेत
मुरख होय ना उजला, ज्यों कालर का खेत।

Koela bhi hoye ujal,jari bari hai jo set
Murakh hoye na ujala,jyon kalar ka khet.

भावार्थ: कोयला भी अच्छी तरह जल कर उजला हो जाता है परंतु मूर्ख कभी भी उज्जवल नहीं होता जैसे कि एक वंजर भूमि में बीज नहीं उगता है।

Meaning: Fully burnt , even the coal turns white. But a fool can never become white as the seed do not grow in the fallow land.

चंदन जैसे संत है, सरुप जैसे संसार
वाके अंग लपटा रहै, भागै नहीं बिकार।

Chandan jaise sant hai,sarup jaise sansar
Wake ang lapta rahai,bhagai nahi bikar.

भावार्थ: संत चंदन की भाॅंति होते है और यह संसार साॅंप की तरह विषैला है। किंतु साॅंप यदि संत के शरीर में बहुत दिनों तक लिपटा रहे तब भी साॅंप का विष-विकार समाप्त नहीं होता है।

Meaning: A saint is like sandal,the world is like a snake. It is coiled in his body for long but the perversions do not go away.

जा घर हरि भक्ति नहीं, संत नहीं मिहमान
ता घट जम डेरा दिया, जीवत भये मसान।

Ja ghar Hari bhakti nahi,sant nahi mihman
Ta ghar jam dera diya,jibat bhaye masan.

भावार्थ: जिस घर में ईश्वर की उपासना नहीं होती है और संत अतिथि नहीं माने जाते हैं, उस घर में मृत्यु के देवता यमराज का वास रहता है और वह श्मसान की भाॅंति है।

Meaning: The house where is no devotion to God and a saint is not a guest. The God of death stays there and that is a living burial ground.

जीवन जोवन राज मद अविचल रहै ना कोये
जु दिन जाये सतसंग मे, जीवन का फल सोये।

Jeevan jovan raj mad,abichal rahai na koye
Ju din jaye satsang me,jeevan ka fal soye.

भावार्थ: यह जमीन,यौवन,राजपाट,धन संपत्ति,अभिमान कुछ भी स्थायी नहीं है। किंतु जो दिन संतों के सत्संग में बीतता है-वही जीवन का वास्तविक फल है।

Meaning: The life, youth, wealth and pride,nothing is permanent. The day spent in the company of saint is the,real fruit of life.

जो छोरै तो आंधरा, खाये तो मरि जाये
ऐसे खान्ध छुछुन्दरी, दोउ भांति पछताये।

Jo chhorai to aandhra,khaye to mari jaye
Aise khandh chhuchhundari,dou bhanti pachhtai.

भावार्थ: यदि साॅंप छछुंदर को पकड़ कर छोड़ देता है तो अंधा हो जाता है और खा लेने पर मर जाता है। वह दोनों ही भॅंाति पछताता है। इसी प्रकार बुरे लोगों के साथ से पतन होता है और उन्हें छोड़ देने पर वे दुश्मन वन जाते हैं। कुसंगति से हर प्रकार से बुरा ही होता है।

Meaning: A snake becomes blind if it catches a mole but lets it go. The snake dies if it eats the mole.
The snake repents in both ways,such is the case with bad company.

जा पल दर्शन साधु का ता पल की बलिहार
राम नाम रसने बसै, लीजैय जनम सुधार।

Ja pal darshan sadhu ka,ta pal ki balihar
Ram nam rasne basai,leejay janam sudhar.

भावार्थ: जिस क्षण किसी संत का दर्शन होता है-उस क्षण को कोटिशः धन्यवाद। उनके दर्शन मात्र से मुॅंह में राम नाम का वास हो जाता है और हमारा जीवन सुधर जाता है।

Meaning: The moment you see a saint,thank for that moment. When the name of Ram comes to the tongue, the life is transformed.

मथुरा, काशी, द्वारिका, हरिद्वार, जगन्नाथ
साधु संगति हरि भजन बिन कछु ना आबैय हाथ।

Mathura,Kasi,Dwarika,Haridwar,Jagannath
Sadhu sangati Hari bhajan binu,kachhu na aabai hath.

भावार्थ: मथुरा ,काशी ,द्वारिका,हरिद्वार, जगन्नाथ सब व्यर्थ हैं। बिना साधु की संगति और प्रभु के भजन के कुछ भी प्राप्त नहीं होने वाला है।

Meaning: Mathura,Kasi,Dwarika,Haridwar,Jagannath Without the company of saint and prayer to God,nothing will come in your hand.

ब्राहमन केरी बेटिया मांस शराब ना खाये
संगति भयी कलाल की मद बिना रहा ना जाये।

Brahman keri betiya,mansh sarab na khaye
Sangati bhayee kalal ki,mad bina raha na jaye.

भावार्थ: ब्राम्हण की बेटी माॅंस शराब नहीं खाती थी पर जब शराब बनाने वाले कलाल के साथ संगति हो गई तो बिना शराब के वह नहीं रह सकती है।

Meaning: The daughter of brahman does not eat meat and wine. When she got in the company of wine maker,she cannot live without wine.

मेरा संगी दो जना , ऐक वैशनव ऐक राम
वे दाता है मुक्ति के, वे सुमिरावै नाम।

Mera sangi do jana,ek vaishnav ek Ram
Wey data hain mukti ke,wey sumirabai nam.

भावार्थ: मेरे दो साथी हैं एक वैष्णव और एक राम। राम मुक्ति दाता हैं और वैष्णव नाम का सुमिरण कराने वाले हैं। विष्णु के भक्तों को वैष्णव कहते हंै।

Meaning: I am in the company of two,one vaishnav and one Ram. One is the provider of emancipation and the other reminds to remember the name of Ram.

ऋद्धि सिद्धि मांगु नहि, मांगु तुम पै येह
नित प्रति दर्शन साधु का कहे कबीर मुहि देह।

Ridhi sidhi mangu nahi,mangu tum pai yeh
Nit prati darshan sadhu ka,kahai Kabir muhi deh.

भावार्थ: कबीर धन दौलत या मुक्ति की कामना नहीं करते हैं। वे मात्र एक ही मांग करते हैं कि उन्हें प्रति दिन संतों का दर्शन अवश्य हो।

Meaning: I am not demanding wealth or liberation,I am demanding only this. Daily give me the company of saints, Kabir says only this.

संगति किजै संत की , जिनका पूरा मान
अंतोले ही देत है, राम सरीखा घान।

Sangati kijay sant ki,jinka pura man
Antole hi det hai,Ram sarikha dhan.

भावार्थ: संतों की संगति करे जिनका मन ज्ञान से परिपूर्ण हो। बिना मोल भाव और तौल के ही वे राम जैसा धन प्रदान करते हंै।

Meaning: Keep the company of saints who have the complete mind. Only a saint gives without weighing the wealth like Ram.

राम बुलाबा भेजिया, दिया कबीरा रोये
जो सुख साधु संग मे सो वैकुंठ ना होये।

Ram bulawa bhejiye,diya Kabira roye
Jo sukh sadhu sang me,so Baikunth na hoye.

भावार्थ: राम का बुलावा सुन कर कबीर को रोना आ गया। साधु की संगति में जो सुख उन्हें मिलता है वह प्रभु के निवास वैकुण्ठ में नहीं प्राप्त है। संत की संगति का यह महत्व है।

Meaning: Kabir started weeping on the call of Ram. The happiness which is in the company of saint is not in the heaven.

सज्जन को सज्जन मिलै, होबै दो दो बात
गदहा सो गदहा मिलै, खाबै दो दो लात।

Sajjan ko sajjan milai,hobai do do bat
Gadha so gadha milai, khabai do do lat.

भावार्थ: जबदो भक्त पुरुष मिलते हंै तो परस्पर उन में प्यार भरी बातें होती है पर दो गद्हे जब एक जगह मिलते हैं तो वे दोनों एक दूसरे को दुलत्ती मारते हैं।

Meaning: A gentleman meets another gentleman,they exchane ideas. An ass meets another ass,they exchange kicks.

ज्ञानी को ज्ञानी मिलै, रस की लूटम लूट
ज्ञानी अज्ञानी मिलै, होबै माथा कूट।

Gyani ko gyani milay,ras ki lootam loot
Gyani agyani milay,hobai matha koot.

भावार्थ: जब दो ज्ञानी परस्पर मिलते है तो उनमें ज्ञान एंव प्रेम रस की लूट होती है पर ज्ञानी और मूर्ख के मिलने पर उनमें सिर फोड़ने और माथा पीटने का काम होता है।

Meaning: When two meritorious people meet there is infinite loot of knowledge and love. If the meritorious meets an idiot,there is breaking of heads.

हरिजन केवल होत है, जाको हरि का संग
बिपति पड़ै बिसरै नहीं, छाड़ै चैगुन रंग।

Harijan kewal hot hai,jako Hari ka sang
Bipati parai vishrai nahi,chadhai chaugun rang.

भावार्थ: हरिजन उसे कहते ह्रैं जो भक्ति एंव सुमिरण द्वारा सर्वदा प्रभु के संग रहते है। विपत्ति एंव दुर्दशा के समय वे ईश्वर को नहीं भूलते हैं वल्कि उनपर प्रभु प्रेम का रंग चार गुणा बढ़ जाता है।

Meaning: Only he is the Harijan who is always with the God in remembrance. They don’t forget God in adversity rather it becomes four times more.

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कबीर के दोहे-भाग 1-अनुभव: Kabir Ke Dohe-Experience
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