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कबीर के दोहे माया पर|Kabir Ke Dohe On Illusion

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कबीर दुनिया से दोस्ती, होेये भक्ति मह भंग
एंका ऐकी राम सो, कै साधुन के संग।

Kabir dunia se dosti,hoye bhakti mah bhang
Eka eki Ram so,kai sadhun ke sang.

भावार्थ: कबीर का कहना है की दुनिया के लोगों से मित्रता करने पर भक्ति में बाधा होती है। या तो अकेले में प्रभु का सुमिरन करो या संतो की संगति करो।

Meaning: Kabir says friendship with the world, hinders my devotion to God. Either you pray alone or keep the company of saints.


कबीर पशु पैसा ना गहै, ना पहिरै पैजार
ना कछु राखै सुबह को, मिलय ना सिरजनहार।


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Kabir pashu paisa na gahai,na pahiray paijar
Na katchhu rakhai subah ko,milay na sirjanhar

भावार्थ: कबीर कहते है की पशु अपने पास पैसा रुपया नही रखता है और न ही जूते पहनता है। वह दूसरे दिन प्रातः काल के लिये भी कुछ नहीं बचा कर रखता है। फिर भी उसे सृजन हार प्रभु नहीं मिलते है। वाहय त्याग के साथ विवेक भी आवश्यक है।

Meaning: Kabir says that animals niether keep money nor wear shoes. It neither keeps any thing for the next morning, even then they do not realise God.

कबीर माया पापिनी, फंद ले बैठी हाट
सब जग तो फंदे परा, गया कबीरा काट।

Kabir maya papini,fand le baithi hat
Sab jag to fande para,gaya Kabira kat.

भावार्थ: कबीर कहते है की समस्त माया मोह पापिनी है। वे अनेक फंदा जाल लेकर बाजार में बैठी है।समस्त संसार इस फांस में पड़ा है पर कबीर इसे काट चुके है।

Meaning: Kabir says all the illusions are vices, sitting with traps in the market. The whole world has been trapped but Kabir has cut the trap.

कबीर माया डाकिनी, सब काहु को खाये
दांत उपारुन पापिनी, संनतो नियरे जाये।

Kabir maya dakini,sab kahu ko khaye
Dant uparun papini, santo nearey jaye.

भावार्थ: कबीर कहते है की माया डाकू के समान है जो सबको खा जाता है। इसके दांत उखार दो। यह संतो के निकट जाने से ही संभव होगा। संतो की संगति से माया दूर होते है।

Meaning: Kabir says the illusions are dacoits,it devours everyone. Extract the teeth of vices by keeping the company of the saints.

कबीर माया पापिनी, हरि सो करै हराम
मुख कदियाली, कुबुधि की, कहा ना देयी राम।

Kabir maya papini,Hari so karai haram
Mukh kadiyali kubudhi ki,kaha na deyee Ram.

भावार्थ: कबीर कहते है की माया पापिनी है। यह हमें परमात्मा से दूर कर देती है। यक मुंह को भ्रष्ट कर के राम का नाम नहीं कहने देती है।

Meaning: Kabir says illusions are vices,these keep us far from Ram. The mind is blackened with corrupt nature, the lips do not utter Ram.


कबीर माया बेसबा, दोनु की ऐक जात
आबत को आदर करै, जात ना पुछै बात।

Kabir maya besba,donu ki ek jat
Aabat ko aadar karai,jat na puchhai bat.

भावार्थ: कबीर कहते है की माया और वेश्याकी एक जाति है। आने वालो का वह आदर करती है पर जाने वालों से बात तक नहीं पूछती है।

Meaning: Illusions and prostitutes belongs to the same caste, so says Kabir. Both flatter the incoming but do not care for the one leaving out.


कबीर माया मोहिनी, जैसे मीठी खांर
सदगुरु की कृपा भैयी, नाटेर करती भांर।

Kabir maya mohini,jaisi meethi khanr
Sadguru ki kripa bhaiyee,natak karti bhanr.

भावार्थ: कबीर कहते है की समस्त माया और भ्रम चीनी के मिठास की तरह आकर्षक होती है। प्रभु की कृपा है की उसने मुझे बरबाद होने से बचा लिया।

Meaning: Kabir says illusions are attractive like sweet sugar. I am blessed by the God, otherwise it would have ruined me.

कबीर माया रुखरी, दो फल की दातार
खाबत खर्चत मुक्ति भय, संचत नरक दुआर।

Kabir maya rukhri,do fal ki datar
Khabat kharchat mukti bhay,sanchat narak dwar.


भावार्थ: कबीर का कथन है की माया एक बृक्ष की तरह है जो दो प्रकार का फल देती है। यदि माया को अच्छे कार्यों में खर्च किया जाये तो मुक्ति है पर यह संचय करने वाले को नरक के द्वार ले जाती है।

Meaning: Kabir says illusions are like tree which gives two fruits. Eating and spending it gives liberation, saving takes one to the door of hell.

कबीर या संसार की, झुठी माया मोह
तिहि घर जिता बाघबना, तिहि घर तेता दोह।

Kabir ya sansar ki,jhuthi maya moh
Tihi ghar jita baghabana,tihi ghar teta doh.

भावार्थ: कबीर कहते है की यह संसार का माया मोह झूठा है। जिस घर में जितना धन संपदा एवं रंग रेलियाॅं है-वहाॅ उतना ही अधिक दुख और तकलीफ हैै।

Meaning: Kabir says the world is a false doubt and delusion. More the wealth and festivities, more the agony in the house.

गुरु को चेला बिश दे, जो गठि होये दाम
पूत पिता को मारसी ये माया को काम।

Guru ko chela bish de,jo gathi hoye dam
Poot pita ko marsi ye maya ko kam.

भावार्थ: यदि शिष्य के पास पैसा हो तो वह गुरु को भी जहर दे सकता है।पुत्र पिता की हत्या कर सकता है। यही माया की करनी है।

Meaning: The disciple can poison the Guru,if he has the money in the purse. The son can kill the father,this is the conduct of illusions.

खान खर्च बहु अंतरा, मन मे देखु विचार
ऐक खबाबै साधु को, ऐक मिलाबै छार।

Khan kharch bahu antra,man me dekhu vichar
Ek khababai sadhu ko,ek milabai chhar.

भावार्थ: खाने और खर्च करनक में बहुत अंतर है। इसे मन में विचार कर देखो। एक आदमी संतों को खिलाता है और दुसरा उसे राख में फंेंक देता है। संत को खिलाकर परोपकार करता है और मांस मदिरा पर खर्च कर के धन का नाश करता है।

Meaning: There is much difference in eating and spending, judge it in your mind. One feeds the saints, the other goes to ashes.

मन तो माया उपजय, माया तिरगुन रुप
पंाच तत्व के मेल मे, बंधय सकल स्वरुप।

Man to maya upjay, maya tirgun roop
Panch tatwa ke mel me,bandhey sakal swaroop.

भावार्थ: माया मन में उतपन्न होता है। इसके तीन रुप है-सतोगुण,रजोगुण,तमोगुण। यह पांच तत्वों इंद्रियों के मेल से संपूर्ण बिश्व को आसक्त कर लिया है।

Meaning: The illusions crop up in the mind,illusions have three forms. In the combination of five elements,it binds the whole world.

माया गया जीव सब,ठाऱी रहै कर जोरि
जिन सिरजय जल बूंद सो, तासो बैठा तोरि।

Maya aage jiv sab,thari rahai kar jori
Jin sirjay jal boond so,taso baitha tori.

भावार्थ: प्रतेक प्राणी माया के सम्मुख हाथ जोड़ कर खरे है पर सृजन हार परमात्मा जिस ने जल के एक बूंद से सबों की सृष्टि की है उस से हमने अपना सब संबंध तोड़ लिया है।

Meaning: All the living beings are standing with folded hands before the illusion. The creator who has created them with a drop of water, with him have broken all relations.

माया चार प्रकार की, ऐक बिलसै एक खाये
एक मिलाबै राम को, ऐक नरक लै जाये।

Maya char prakar ki,ek bilse ek khaye
Ek milabai Ram ko, ek narak lai jaye.

भावार्थ: माया चार किस्म की होती है। एक तातकालिक आनंद देती है। दूसरा खा कर घोंट जाती है। एक राम से संबंध बनाती है और एक सीधे नरक ले जाती है।

Meaning: Illusions are of four types,one gives pleasure other devours. One unites with Ram,one takes to hell.

माया का सुख चार दिन, काहै तु गहे गमार
सपने पायो राज धन, जात ना लागे बार।

Maya ka sukh char din, kahai tu gahe gawar
Sapne payo raj dhan jat na lage baar.

भावार्थ: माया मोह का सुख चार दिनों का है। रे मूर्ख-तुम इस में तम पड़ो। जिस प्रकार स्वपन में प्राप्त राज्य धन को जाते दिन नहीं लगते है।

Meaning: The happiness of illusions are for four days,O fool why do you catch it. Its like getting royal wealth in dream and loosing it within no days.

माया जुगाबै कौन गुन, अंत ना आबै काज
सो राम नाम जोगबहु, भये परमारथ साज।

Maya jugbai kaun gun, ant na aabai kaj
So Ram nam jogabahu,bhay parmarath saj.

भावार्थ: माया जमा करने से कोई लाभ नहीं। इससे अंत समय में कोई काम नहीं होता है।केवल राम नाम का संग्रह करो तो तुम्हारी मुक्ति सज संवर जायेगी।

Meaning: Collecting illusions has no benefit, it does not help in the last. Collect only the name of Ram, it will decorate your salvation.

माया दासी संत की, साकट की सिर ताज
साकट की सिर मानिनि, संतो सहेली लाज।

Maya dasi sant ki,sakat ki sir taj
Sakat ki sir manini,santo saheli laj

भावार्थ: माया संतों की दासी और संसारीयों के सिर का ताज होती है। यह संसारी लोगों को खूब नचाती है लेकिन संतो के मित्र और लाज बचाने वाली होती है।

Meaning: The illusions are the slave of saints but crown on the head of worldly people.It compels the worldly to dance but is a modest friend for the saints.

आंधी आयी ज्ञान की, ढ़ाहि भरम की भीति
माया टाटी उर गयी, लागी राम सो प्रीति।

Aandhi aayee gyan ki,dhahi bharam ki bhiti
Maya tati ur gayee,lagi Ram so priti.

भावार्थ: जब ज्ञान की आंधी आती है तो भ्रम की दीवाल ढ़ह जाती है।माया रुपी पर्दा उड़ जाती है और प्रभु से प्रेम का संबंध जुड़ जाता है।

Meaning: When the storm of knowledge come,the wall of doubts tumble down. The curtain of illusion was blown off when one got the love of Ram.

विषय से सम्बंधित लेख :

कबीर के दोहे-भाग 1-अनुभव: Kabir Ke Dohe-Experience
कबीर के दोहे-भाग 2-काल: Kabir Ke Dohe-Death
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कबीर के दोहे-भाग 12-वीरता: Kabir Ke Dohe-Bravery
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कबीर के दोहे-भाग 26-खोज: Kabir Ke Dohe-Search
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